चुनावों के लिए लोगों को संतुष्ट करने के लिए यत्नशील है सैनी सरकार

हरियाणा में पिछड़े वर्गों और पंजाबी मतदाताओं को भाजपा से जोड़े रखने के लिए तीन सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। लोकसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा इस बार पांच सीटें ही जीत पाई है। पिछले चुनावों में भाजपा ने सभी दस सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार पांच सीटें कांग्रेस के खाते में जाने से इसी साल अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की चिंता बढ़ गई है। लोकसभा चुनावों में भाजपा राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में 44 सीटों पर आगे रही है, जबकि कांग्रेस गठबंधन को 46 सीटों पर बढ़त मिली है। पिछले विधानसभा चुनावों में भी भाजपा 40 सीटें जीत कर बहुमत से छह सीटें पीछे रह गई थी। ऐसे में आने वाले चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी अभी तक मुख्यमंत्री सैनी के पास ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का गठन करते समय हरियाणा से ओबीसी वर्ग के दो सांसदों राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को फिर से जगह दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद से हटाए गए मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। भाजपा पंजाबी मतदाताओं और पिछड़े वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है। राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर जहां दक्षिण हरियाणा में भाजपा की कमान संभालेंगे, वहीं मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह के कंधों पर उत्तरी हरियाणा में भाजपा को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी रहेगी।
रणजीत सिंह बने रहेंगे मंत्री
हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर हारने और विधायक पद से इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद भी रणजीत सिंह चौटाला हरियाणा में मंत्री बने रहेंगे। पहले मनोहर लाल खट्टर और अब नायब सिंह सैनी सरकार में बिजली और जेल महकमे की जिम्मेदारी निभा रहे रणजीत सिंह का मंत्री पद विधायक नहीं होने के बावजूद माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनावों तक कायम रहेगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने और चुनाव हार जाने के बाद बतौर मंत्री रणजीत सिंह को महेंद्रगढ़ और सोनीपत जिलों की शिकायत निवारण समिति के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप दी है। पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला पिछले विधानसभा चुनावों में रानियां क्षेत्र से आज़ाद उम्मीदवार के रूप में जीत कर सदन में पहुंचे थे। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया था और खट्टर सरकार में बिजली मंत्री बन गए थे। लोकसभा चुनावों से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और हिसार से भाजपा टिकट मिलने के बाद उन्होंने 24 मार्च को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया, लेकिन वह हिसार क्षेत्र से जीत नहीं पाए। इसी वजह से सवाल उठे कि क्या रणजीत सिंह मंत्री बने रहेंगे या उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया जाएगा, लेकिन दो जिलों की शिकायत निवारण समितियों की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब साफ़ हो गया है कि अगले विधानसभा चुनावों तक वह मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं देते रहेंगे। विधायक नहीं होने के बावजूद छह महीने तक मंत्री बने रह सकते हैं। हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, तब तक रणजीत सिंह की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। आने वाले विधानसभा चुनावों में वह भाजपा के टिकट पर फिर किस्मत आजमा सकते हैं।
प्लॉट लो, मोबाइल भत्ता भी
हरियाणा में लोकसभा चुनावों में पांच सीटें हारने के बाद भाजपा की नायब सिंह सैनी सरकार 20 हजार गरीब परिवारों को सौ-सौ गज के प्लॉट देकर और 50 हजार पुलिसकर्मियों को मोबाइल फोन रिचार्ज का खर्च देकर लोगों को खुश करने में जुट गई है। इसी साल अक्तूबर महीने तक विधानसभा के आम चुनाव हो जाने हैं। इस दौरान भाजपा मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद सोनीपत जिले में सौ-सौ गज के प्लॉट बांटने की योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना को अधूरा छोड़ दिया था। हम इसे पूरा कर रहे हैं। ग्रामीण आवास योजना के तहत 7,775 लाभार्थियों को प्लाटों की रजिस्ट्रियां दी जाएंगी। दूसरी तरफ 50 हजार पुलिस कर्मियों को मोबाइल रिचार्ज भत्ता योजना को भी वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। यह घोषणा मुख्यमंत्री रहते मनोहर लाल ने की थी, जिस पर ठीक एक साल बाद चुनाव नजदीक आ जाने पर अमल किया गया है। इस योजना को राज्य के सभी पुलिसकर्मियों को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसके तहत 50 हजार पुलिस कर्मियों को हर महीने उनके रैंक के हिसाब से 200 से लेकर 400 रुपए मोबाइल रिचार्ज भत्ता दिया जाएगा। यह फैसला एक मार्च से लागू माना जाएगा। सिपाही और हवलदार को हर महीने 200 रुपए, एएसआई को 250 रुपए, सब इन्स्पेक्टर को 300 रुपए और इन्स्पेक्टर को 400 रुपए रिचार्ज के लिए मिलेंगे।
बसपा में भी बदलाव
भले ही हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने पैर नहीं जमा पाई है, लेकिन लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद पार्टी की कमान धर्मपाल तिगरा के हाथों में दे दी गई है। इसके साथ ही पार्टी के प्रधान राजवीर सोरखी और प्रदेश प्रभारी सुमेर जांगड़ा को फ़ौरन प्रभाव से हटा दिया गया है। राज्य में एक बार फिर बसपा के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। रोहतक में ऐसा भी हुआ कि कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा के मुकाबले के लिए मैदान में उतरे बसपा उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र ही वापस ले लिया। तिगरा को नई जिम्मेदारी मिलने पर यमुनानगर जिले के जगाधरी स्थित पार्टी दफ्तर में फूलमालाओं से उनका स्वागत किया गया। बसपा के केंद्रीय समन्वयक और हरियाणा के प्रभारी रणधीर सिंह ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तिगरा को पार्टी की हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। दो बार जिला परिषद के सदस्य व सहकारिता बैंक के निदेशक रह चुके तिगरा पिछले बीस साल से बसपा में हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बसपा से ही की थी। तिगरा की पत्नी रीना रानी भी यमुनानगर जिला परिषद की सदस्य और चेयरपर्सन रह चुकी हैं।
50 हजार सरकारी नौकरियों का दांव
हरियाणा में आने वाले दिनों में नायब सिंह सैनी सरकार ने 50 हजार सरकारी नौकरियां देने का भी दांव चला है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बेरोजगार युवाओं को लुभाने के लिए भाजपा सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। कर्मचारी चयन आयोग के नए चेयरमैन के रूप में हिम्मत सिंह ने शपथ भी ले ली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। हिम्मत सिंह को आयोग का चेयरमैन बनाने का ऐलान लोकसभा चुनावों के दौरान ही हो गया था, लेकिन उन्हें पद की शपथ चुनाव परिणाम आने के बाद दिलाई गई है। हिम्मत सिंह जो रोड समुदाय से हैं, ने खुद यह दावा किया है कि हरियाणा में आने वाले दिनों में 50 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। यहां यह बता दें कि हरियाणा में अक्तूबर में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। ऐसे में नायब सैनी सरकार के पास करीब चार महीने का ही समय बचा है। कहा जा सकता है कि भाजपा की नज़र रोड समुदाय के मतदाताओं पर भी है। कैथल जिले के हिम्मत सिंह को कर्मचारी चयन आयोग का चेयरमैन बनाना रोड बिरादरी के वोट भाजपा के खाते में डलवाने के नजरिए से देखा जा रहा है।

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