प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 कार्यक्रम को किया संबोधित 

नई दिल्ली, 12 जनवरी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "आज पूरा देश स्वामी विवेकानंद जी को याद कर रहा है, उन्हें प्रणाम कर रहा है। स्वामी विवेकानंद को देश के नौजवानों पर बहुत भरोसा था। स्वामी जी कहते थे मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, नई पीढ़ी में है। स्वामी जी कहते थे, मेरे कार्यकर्ता नौजवान पीढ़ी से आएंगे... जैसे विवेकानंद जी का आप पर भरोसा था, मेरा विवेकानंद जी पर भरोसा है। मुझे उनकी कही हर बात पर भरोसा है। उन्होंने भारत के नौजवानों के लिए जो सोचा है, जो कहा है, मेरा उसमें अंधविश्वास है। कुछ महीने पहले मैं अपने निवास पर कुछ युवा खिलाड़ियों से मिला था। एक खिलाड़ी ने खड़े होकर कहा कि मोदी जी दुनिया के लिए आप भले प्रधानमंत्री और PM होंगे लेकिन हमारे लिए पीएम का मतलब है 'परम मित्र'। मेरे लिए मेरे देश के नौजवानों के साथ मित्रता का वो ही नाता है, वो ही रिश्ता है। मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है, विश्वास... मेरा ये विश्वास कहता है, भारत की युवा शक्ति का सामर्थ भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा। 

1930 के दशक में अमेरिका भीषण आर्थिक संकट में फंस गया था। तब अमेरिका की जनता ने ठाना की हमें इससे बाहर निकलना है और तेज गति से आगे बढ़ना है। अमेरिका न केवल उस संकट से निकला बल्कि उसने विकास की रफ्तार को कई गुना ज्यादा तेज करके दिखाया। एक समय था जब सिंगापुर बेहाल था। सिंगापुर को सही नेतृत्व मिला और जनता के साथ मिलकर सबने तय किया कि हम अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। कुछ ही सालों में सिंगापुर एक ग्लोबल फ़ाइनेंशियल और ट्रेड हब बनकर छा गया। दुनिया में ऐसी बहुत सारी घटनाएं हैं। हमारे देश में भी अनेक ऐसे उदाहरण रहे हैं। बड़े सपने देखना बड़े संकल्प लेना और उन्हें तय समय में पूरा करना असंभव नहीं है। बिना लक्ष्य के जीवन नहीं हो सकता है। जब सामने बड़ा लक्ष्य होता है तो हम पूरी ताकत उसे पाने के लिए लगा देते हैं और आज का भारत यही कर रहा है। 

मैंने लाल किले से 1 लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही है। अपने सुझावों को लागू करने के लिए राजनीति भी बहुत शानदार माध्यम हो सकती है। मुझे विश्वास है आपमें से भी अनेकों नौजवान राजनीति में भी भागीदारी के लिए आगे आएंगे। आज आपसे बात करते हुए मैं विकसित भारत की एक तस्वीर भी देख रहा हूं। विकसित भारत में हम क्या देखना चाहते हैं? कैसा भारत देखना चाहते हैं? विकसित भारत यानी जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा। जहां अर्थव्यवस्था भी बुलंद होगी और पारिस्थितिकीय तंत्र भी समृद्ध होगी। जहां अच्छी कमाई और अच्छी पढ़ाई करने के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे... क्या हम केवल बोलने से ही विकसित हो जाएंगे?...जब हमारे हर फैसले की कसौटी एक ही होगी, विकसित भारत। जब हमारे हर कदम की दिशा एक ही होगी, विकसित भारत... तो दुनिया की कोई भी शक्ति हमें विकसित होने से नहीं रोक पाएगी...बहुत पहले लाल किले से मेरे दिल की एक आवाज निकली थी। मैंने कहा था, 'यही समय है-सही समय है'। 

 

 

 

 

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