क्यों बढ़ रही है अंतरिक्ष की ओर दौड़ ?

अब यह धरती पर ही नहीं, अपितु अंतरिक्ष में भी अनुसंधान (खोज) का एक नया युग है। अमरीका का नैशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत अब मानवीय अनुसंधानकर्ताओं को चांद तथा मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा। नासा का लक्ष्य 2027 के मध्य तक चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरना है, जबकि वह 2035 के शुरू में मनुष्य को मंगल ग्रह पर एक वैज्ञानिक मिशन पर भेजना चाहता है, जिसका उद्देश्य लाल ग्रह (मंगल) पर मानव जीवन की सम्भावना का पता लगाना है। इस मिशन का उद्देश्य पहली महिला तथा पहले पक्के रंग के व्यक्ति को चांद पर भेजना, चांद की सतह की जांच करना तथा मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए आधार तैयार करना है।
अंतरिक्ष यात्रियों को चांद की सतह पर अंतिम बार चले हुए लगभग 50 वर्ष हो चुके हैं, जिसके बाद दशकों तक अंतरिक्ष के गहन रोबोटिक अनुसंधान से अनेक वैज्ञानिक अनुसंधान हुए हैं। नासा द्वारा मानवीय लैंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो अपना आर्टेमिस कार्यक्रम  लागू करने का कार्यक्रम बनाया गया, इसमें बहुत कुछ शामिल है, जो एक नई एवं मज़बूत चन्द्र अर्थव्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। 2021 में कंसल्ंिटग कम्पनी—प्राइस वाटरहाऊस कूपर्स (पी.डब्ल्यू.सी.) ने चांद की आर्थिकता के अपने मूल्यांकन पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उस अध्ययन द्वारा 2040 तक 20 वर्षों की अवधि के दौरान चांद की आर्थिकता का लगभग 170 अरब डॉलर तक औसतन मूल्य होने का अनुमान लगाया गया था। 
विगत कुछ वर्षों के दौरान हुए अनुसंधान से यह भी पता चला है कि चांद पर इस प्रकार की लैंडिंग होने पर माइनिंग (खनन) के अवसरों से चांद स्थित स्रोतों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलने से उन सो्रतों की धरती से सप्लाई पर निर्भरता कम होगी। नासा को सार्वजनिक-निजी भागीदार प्रोजैक्टों से चांद तथा मंगल मिशन को समर्थन मिलने तथा इसका विस्तार होने की उम्मीद है। सितम्बर 2020 की एक दस्तावेज़ी रिपोर्ट ‘नासा के चांद अनुसंधान कार्यक्रम संबंधी संक्षिप्त जानकारी की योजना’ के अनुसार उद्योग एवं अकादमिक संस्थाओं से साझेदारी के द्वारा कई मौजूदा निवेश आगे बढ़ सकते हैं, जो विशेषकर खनन पहलकदमियों संबंधी प्रोजैक्ट रासायनिक एवं थर्मल प्रक्रिया के विकास की क्षमताओं को आगे बढ़ाएंगे और चांद पर प्राकृतिक रूप में पाये जाने वाले खनिज एवं मिश्रण मानवीय उपभोक्ताओं के लिए विकल्प प्रदान कर सकते हैं। 
उल्लेखनीय है कि सिर्फ चांद ही नहीं, अपितु मंगल ग्रह का वायुमंडल भी कार्बन डाइआक्साइड से भरपूर है, इसलिए नासा का वायुमंडलीय सीओ2 कार्यक्रम अन्य उपयोगी तत्वों या मिश्रणों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए पहलकदमियों में निवेश कर रहा है। हालांकि चांद पर खनन कोई आसान कार्य नहीं है। आई.एस.आर.यू. (इन-सीटू रिसर्च यूटिलाइज़ेशन) कार्यक्रम में चांद पर आक्सीजन, पानी तथा धातुओं को हासिल करना शामिल है,  जिससे चांद पर  कम्पनियों की व्यापारिक गतिविधियां तथा हस्तक्षेप बढ़ेगा। कुछ अन्य प्रभावों समेत चांद पर खनन की धूल भी अंतरिक्ष को प्रदूषित करेगी, इस धूल का स्थायी प्रबंधन एवं कम से कम हानिकारक खनन को सुनिश्चित बनाना बहुत महत्वपूर्ण होगा। 
अंतरिक्ष को नियंत्रित करने वाले कानून भी काफी स्वयं-विरोधी हैं। एक ओर आऊटर स्पेस संधि-1967 में कहा गया है कि कोई भी देश चांद (या किसी भी खगोलीय पिंड) पर मालिकी का दावा नहीं कर सकता जबकि 2020 का आर्टेमिस समझौता चांद पर मालिकी के किसी भी दावे को रद्द करने की बजाय आऊटर स्पेट संधि की पुष्टि करते हुए खनन की अनुमति देता है। उल्लेखनीय है कि अमरीकी विदेश विभाग तथा नासा के संयुक्त नेतृत्व में आर्टेमिस समझौते में 13 अक्तूबर, 2020 को आस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्समबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.), ब्रिटेन तथा अमरीका आदि देश भागीदार बने थे। 
दरअसल रूस, जिसने 47 वर्ष पहले पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उप-ग्रह (सैटेलाइट) चांद पर मौजूदा तत्वों के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए अपना पहला चांद-लैंडिंग अंतरिक्ष यान (स्पेस-क्राफ्ट) लांच किया था, जो चांद पर खनन की जांच कर रहा है क्योंकि चांद पर पानी की सम्भावना है। नासा द्वारा खोजा गया है कि पानी हाइड्रोक्साइल अणु चांद की सतह पर फैले हुए हैं और इसके ध्रुवों पर केन्द्रित हैं। यह पानी हाइड्रोजन तथा आक्सीजन का एक अन्य स्रोत है और यह राकेट ईंधन (फ्यूल) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हिलियम-3, हिलियम (एक गंधहीन गैस) का एक सम-स्थानक (आइसोटोप) है, जो चांद पर पाया जाता है और यह परमाणु ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत हो सकता है।  उधर चीन जैसे देशों ने भी अंतरिक्ष में अपनी समर्था को सिद्ध किया है और अमरीका तथा रूस की भांति ही चांद, मंगल ग्रह तथा अथाह अंतरिक्ष बाज़ार की जांच करने की योजना बना रहा है। कुछ अनुसंधानों ने चांद भवन निर्माण कला (आर्किटैक्चर) को लागू करने की ओर भी पहलकदमी की है,जिसमें कई प्रोवाइडर (क्रू सिस्टम, प्रोपल्शन, लॉजिस्टिक, विज्ञान मंच, टैक्नालोजी प्रदर्शनकर्ता आदि) पूरक समर्था प्रदान कर सकते हैं, जो चांद भवन निर्माण कला की समूची सफलता पर लचकता को बढ़ाते हैं। 

धन्यवाद सहित फाइनेशियल एक्सप्रैस  

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