बास्केटबाल में सनसनी मचाने वाले -हर्ष डागर

अगर अमरज्योत सिंह और अमृतपाल सिंह, जिन्होंने जापान में प्रोफेशनल बास्केटबॉल खेली, को अपवाद स्वरूप छोड़ दिया जाये तो बास्केटबॉल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खिलाड़ियों की कोई पहचान नहीं है। भारत की बास्केटबॉल टीम भी खासी कमज़ोर है और निश्चितरूप से बहरीन के मुकाबले में तो बहुत ही कमज़ोर है। लेकिन इस मार्च के तीसरे सप्ताह में चमत्कार हुआ। भारत ने बहरीन पर दुर्लभ, शानदार और यादगार जीत दर्ज की। बहरीन इस हार से सदमे में आ गया। भारत की इस फेमस विजय के हीरो रहे 19 वर्षीय हर्ष डागर, जिन्होंने निरंतर तीन-पॉइंट वाली बास्केट करके बहरीन को स्तब्ध कर दिया। गौरतलब है कि बास्केटबॉल में पोस्ट वाले घेरे के बाहर से बास्केट करने पर तीन-पॉइंट मिलते हैं और घेरे के अंदर से बास्केट करने पर दो-पॉइंट मिलते हैं। चूंकि घेरे के बाहर से पोस्ट की दूरी अधिक होती है, इसलिए सटीक निशाना लगाना कठिन होता है लेकिन तीन-पॉइंट की बास्केट करने से जीत की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हर्ष डागर तीन-पॉइंट बास्केट के माहिर हैं।
विलक्षण प्रतिभा के धनी हर्ष डागर जैसे-जैसे तीन-पॉइंट बास्केट कर रहे थे वैसे वैसे ही वह एक एक करके अपनी कठिनाइयों को भी दूर करते जा रहे थे। वह जानते हैं कि अभी उन्हें अपनी और भी कठिनाइयों को दूर करना है, लेकिन अब उन्हें महसूस हो रहा है कि उनके जीवन ने सकारात्मक मोड़ ले लिया है और इसलिए उनमें सफल होने का विश्वास जागृत होने लगा है। हर्ष डागर अभी सिर्फ 19 साल के हैं, सीनियर भारतीय टीम के आयु में सबसे छोटे हैं, लेकिन वह टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं। भारत के इस पॉइंट-गार्ड से भविष्य में बहुत उम्मीदें हैं । 
हर्ष की परवरिश सिंगल पैरेंट ने की। उनका बचपन बहुत कठिन था। जब वह बच्चे थे तो उनकी मां घर पर ही दूसरों के लिए कपड़े सिला करती थीं। उनके परिवार की आय का यही एक मात्र स्रोत था। इससे ही घर का खर्च चलता था। हर्ष ने बास्केटबॉल को करियर अपने घर की आय में इज़ाफा करने के स्रोत के तौर पर बनाया। अब उनकी मां घर पर रहकर जीवन का आनंद लेती हैं और हर्ष के विकास को देखकर खुश हैं। हर्ष भी प्रसन्न हैं कि भारत ने 11वीं बार एशियन कप में प्रवेश किया है। ग्रेटर नॉएडा में एनबीए भारत की रिहायशी अकादमी है। इसने 2018 में हर्ष को पूर्ण स्कॉलरशिप पर ‘अडॉप्ट’ किया था। लेकिन कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के कारण अकादमी 2020 में बंद हो गई थी लेकिन हर्ष ने अपनी मां के संघर्ष के दिनों में जो कठिन दौर देखे थे, उनके कारण वह बहुत मज़बूत शख्सियत के मालिक बन गये हैं। वह अपना रास्ता स्वयं बनाना सीख गये। हर्ष ने अपने भाई अपूर्व के साथ मिलकर गुरुग्राम के बलियावास गांव में अपने घर के निकट स्क्रैप मेटल से हूप क्राफ्ट किया। डागर भाइयों ने जो हूप तैयार किया था उसके बोर्ड पर ‘मनी’ (पैसा) लिखा था। तब हर्ष ने कहा था, ‘मुझे जीवन में हर चीज़ बास्केटबॉल से हासिल करनी है। मैं बोर्ड पर जब भी ‘मनी’ लिखा हुआ देखता हूं, मुझे कठिन समय की याद आ जाती है और मैं प्रेरित हो जाता हूं कि केवल बास्केटबॉल के ज़रिये ही मैं अपनी मंज़िल तक पहुंच सकता हूं।’
सात साल पहले जब हर्ष ने एनबीए अकादमी में प्रवेश किया था तो वह पूर्णत: नौसिखया थे लेकिन 2019 से यह 6 फीट 2 इंच का लम्बा खिलाड़ी विभिन्न आयु वर्ग स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है। हर्ष ने 13 वर्ष की आयु में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए जूनियर नेशनल्स में कांस्य पदक हासिल किया था और ऑर्लैंडो में एनबीए की जूनियर ग्लोबल चौंपियनशिप्स में हिस्सा लिया था। इसकी बदौलत ही उन्हें भारत के लिए डेब्यू करने का अवसर मिला और वह नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सबसे कम आयु के खिलाड़ी बने। 
अक्तूबर 2022 में मलेशिया में फीबा 3 गुणा 3 एशिया कप आयोजित हुआ था। इसमें हर्ष की बदौलत न केवल भारत ने रजत पदक हासिल किया बल्कि भारत के 88-वर्ष के बास्केटबॉल इतिहास में पहली बार 2023 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने और एशिया कप में रजत पदक जीतने से हर्ष को आवश्यक आर्थिक सुरक्षा हासिल हो गई। उन्हें 2023 में यूपी पुलिस में नौकरी मिल गई और अप्रैल 2025 में वह सब-इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट कर दिए जायेंगे। इसके बावजूद खेल में अतिरिक्त बेहतर होने का जज़्बा बरकरार है। अब अमरीका के स्कॉट फ्लेमिंग भारत के कोच हैं। फ्लेमिंग एनबीए इंडिया के तकनीकी निदेशक थे जब हर्ष अकादमी में थे। फ्लेमिंग की वापसी ने हर्ष में उम्मीद की किरण जगा दी है। वह बताते हैं, ‘कोच स्कॉट खिलाड़ियों को आज़ादी देते हैं। स्कॉट की वजह से ही हर खिलाड़ी एक-दूसरे पर विश्वास करता है और सपोर्ट करता है। भारत में प्रतिभा व क्षमता है, ज़रुरत व्यवस्था की थी जो स्कॉट लेकर आये हैं।’   

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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