कोरोना से घबराने की बजाय सावधानी ज़रूरी

करीब तीन सालों की शांति के बाद कोरोना महामारी की पदचाप सुनाई दे रही है। देश के कई प्रमुख शहरों और राज्यों में कोविड-19 के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश के कम से कम 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना के नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, और ठाणे जैसे बड़े शहरों में संक्रमण के मामले सबसे अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की है। इन नए वेरिएंट्स के कारण संक्रमण की दर में फिर से तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। कोरोना की नई दस्तक ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
कोविड-19 का सबसे पहला केस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में दर्ज किया गया था। चीनी प्रशासन ने शुरुआती मामलों का संबंध वुहान की एक सीफूड मार्केट से पाया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा है। मगर हाल में अमरीकी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कुछ ऐसे सबूत हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि यह वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ है। ’वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने अमरीकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि इससे पहले ही नवंबर में वुहान लैब के तीन सदस्यों को कोविड जैसे लक्षणों वाली बीमारी के चलते अस्पताल जाना पड़ा था। मगर चीन ने न सिर्फ ऐसी खबरों को झूठा बताया था बल्कि आरोप लगाया था कि हो सकता है कोरोना वायरस अमरीका की किसी लैब से निकला हो। इस वायरस के कारण फैली महामारी के कारण दुनियाभर में अब तक कम से कम 35 लाख लोगों की जान जा चुकी है और सक्रमण के 16.80 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कहा जा रहा है कि इस बार के संक्रमण के लिये ओमिक्रोन के नये वेरिएंट जे.ए.1 तथा वेरिएंट एल.एफ.7 और एन.बी.18 जिम्मेदार हैं। बताया जा रहा है कि जे.एन.1 वेरिएंट बहुत तेज़ी से फैलता है। विश्व के स्वास्थ्य विशेषज्ञ बता रहे हैं कि नये वेरिएंट से पीड़ित लोगों में गले में खराश, नींद न आना, छींके आना, खांसी, एंग्जाइटी, नाक बहना, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी, थकान व मांसपेसियों में दर्द की शिकायत शामिल हो सकती है। हालांकि, इनमें से कुछ आम इंफ्लूएंजा के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का टेस्ट करवाना भी ज़रूरी हो जाता है। वैसा कहना मुश्किल है कि कोरोना का वायरस हमारे बीच से चला गया। वह कहीं गया नहीं बल्कि टीकाकरण से मिली हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता ने उसे रोक दिया। लेकिन दिक्कत यह है कि मौसम परिवर्तन चक्र के बीच में म्यूटेशन से इसके नये वेरिएंट सामने आते हैं। जिनका मुकाबला करने व शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को इन्हें समझने में थोड़ा वक्त लगता है। 
कोरोना संक्रमण की वापसी की आहट पहले हांगकांग व सिंगापुर में सुनाई दी। हांगकांग में कुछ ही मामलों में 30 लोगों के मरने की खबर है। वहीं सिंगापुर में एक मई तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 14 हजार से अधिक थी, जिसमें 19 मई तक तीन हजार नये संक्रमित जुड़ गए हैं। जिस चीन से कोरोना वायरस सारी दुनिया में फैला, वहां भी कोरोना के मामले तो बढ़े हैं लेकिन इस संख्या को सार्वजनिक नहीं किया गया। वहीं चीन का स्वास्थ्य विभाग कोरोना के मामलों में तेजी आने की आशंका जता रहा है। चिंता इस बात की भी है कि भारत में केरल, महाराष्ट्र व तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। बताया जा रहा है कि एक जनवरी से 19 मई तक देश में ढाई सौ से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। बढ़ते मामलों ने लोगों के मन में फिर से डर और चिंता पैदा कर दी है। क्योंकि जब साल 2020 में कोरोना आया था तो इसी तरह शुरुआत हुई थी। पहले इक्का दुक्का मरीज मिले थे। और फिर अचानक कोरोना विस्फोट हुआ था। इसीलिए डर है कि कहीं इस बार कोरोना की चौथी लहर तो नहीं आने वाली है।
विशेषज्ञों के अनुसार अभी ये कोरोना तो एनवायरनमेंट में था और आने वाले कई सालों तक ये एनवायरनमेंट में रहने वाला है। ये एक चालाक वायरस है। हर थोड़े-थोड़े समय में अपना रूप बदल के म्यूटेंट बदल कर ये फैलता रहता है। तो ये कोरोना वायरस तो अब एक ज़िंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है। पिछले एक दो साल के अंदर का जो अनुभव है वो ये है की जो भी नई म्यूटेशन आ रही है वो  म्यूटेशन उतनी घातक नहीं है जो हमने देखी है 2020-21 के अंदर जो देखी गई थी। ये सब माइल्ड वेरिएशंस है। ये म्यूटेशंस है। जो वायरस में होती रहती है। अच्छी बात ये है की हम सब लोगों में कुछ ना कुछ आंशिक प्रतिरोधक क्षमता है कोरोना वायरस के लिए। इस वजह से हम इसको कंट्रोल कर पाते हैं। इस इंफेक्शन को हमारी बॉडी कंट्रोल कर पाती है। तो अभी जो ये नया वेरिएंट बन रहा है आ रहा है, उससे डरने की ज़रूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतने की ज़रूरत है। 
कोरोना संक्त्रमण में फिर से बढ़ोतरी के बीच सरकार ने अस्पतालों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति और आवश्यक उपकरणों के साथ पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। संक्रमण की स्थिति पर नज़र रखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।  बहरहाल, कोरोना के नये वायरस के संक्रमण को लेकर सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास करने तथा नागरिकों को सजग-सतर्क रहने की ज़रूरत है। नि:संदेह, यह एक चुनौती है, लेकिन इससे घबराने की नहीं, समझदारी और सतर्कता से निपटने की ज़रूरत है। पिछली कई बड़ी कोरोना संक्रमण की लहरों ने हमें इस संक्रमण से मुकाबले के सबक दिए हैं। एक समय था जब हमारा चिकित्सा ढांचा इसके मुकाबले के लिये तैयार न था। जीवनदायिनी ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता और भंडारण में हम अब आत्मनिर्भर हैं। दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन अभियान चलाकर हमने 140 करोड़ लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। हमने अपने नागरिकों को ही सुरक्षा कवच नहीं दिया, बल्कि पूरी दुनिया के अनेक देशों को भारत की वैक्सीन व चिकित्सा सामग्री देकर एक मिसाल कायम की है। 
 

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