आतंकवाद को आतंकित करने की मोदी नीति

सैन्य नीति में कहा जाता हैस आक्रमण ही सबसे बढ़िया रक्षा है। अब ऐसा लगता है कि मोदी सरकार इस नीति पर चल पड़ी है। पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ हम पिछले 45 सालों से बचाव की नीति पर चल रहे थे। इसका नतीजा यह था कि आतंकवादी पूरे देश में दनदनाते घूम रहे थे। इतने बड़े देश में सभी को सुरक्षा देना संभव नहीं है, इसलिए गुप्तचर एजेंसियों और सुरक्षा बलों की भरपूर कोशिशों के बावजूद भारत लगातार आतंकवादी हमले झेल रहा था। आतंकवाद के कारण भारत के 20000 निर्दोष नागरिकों को असमय अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसके अलावा भारत की जो आर्थिक हानि हुई है और उसके विकास को चोट पहुंची है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
 आतंकवाद के बारे में कहा भी जाता है कि आतंकवादी हमले से बचने के लिए सुरक्षाबलों को हर बार कामयाब होना पड़ता है लेकिन आतंकवादियों को सिर्फ एक बार कामयाब होने की ज़रूरत होती है। 1980 से लेकर अब तक भारत के कोने-कोने में आतंकवादी हमले होते रहे हैं। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्यवाही शुरू की गई जिसके परिणामस्वरूप आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर तक सीमित कर दिया गया। पिछले दस सालों से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश का शेष हिस्सा आतंकवाद की मार से बचा रहा है। इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर में आज भी आतंकवादी हमले जारी हैं। अब मोदी सरकार ने तय कर लिया है कि आतंकवाद को पूरे देश से समाप्त कर देना है और इसके लिए आतंकवादियों के आका पाकिस्तान के खिलाफ कार्यवाही करने का मन बना लिया गया है । पाकिस्तान बड़े-बड़े आतंकवादी हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया से ये मान चुका था कि भारत एक कमजोर राज्य है। इसके खिलाफ बड़े से बड़ा हमला कर दो लेकिन वो कुछ करने वाला नहीं है।
आतंकवाद के इतिहास में दो बार ऐसा हुआ है जब पाकिस्तान ने भारत पर सीधा हमला किया है। एक बार लोकतंत्र के मंदिर संसद को निशाना बनाया गया और दूसरी बार देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बड़ा आतंकवादी हमला करके 166 भारतीय नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया। ये ऐसे दो मौके थे जब पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की ज़रूरत थी लेकिन तत्कालीन सरकारें इसमें नाकामयाब रही। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2016 में उरी में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहली बार भारत सरकार ने पाकिस्तान को जवाब दिया। पीओके में भारतीय सेना ने घुसकर आतंकवादी कैंप को उड़ा दिया। दूसरी बार 2019 में पुलवामा में बड़ा आतंकवादी हमला करके 40 सीआरपीएफ जवानों को शहीद कर दिया गया। मोदी सरकार ने इसके जवाब में पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकवादी कैंप पर हवाई हमला करके आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। इन दो कार्यवाहियों से भारत ने पाकिस्तान को बताया कि हम अब आतंकवादी हमलों पर चुप नहीं बैठेंगे बल्कि उसका जवाब देंगे। 
आतंकवादियों को पाकिस्तान में घुसकर मारा जायेगा। पाकिस्तान ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और  22 अप्रैल 2025 में कश्मीर घाटी के पहलगाम में बड़ा आतंकवादी हमला करके 26 निर्दोष लोगों की हत्या करवा दी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने जो कार्यवाही की है, उसने बता दिया है कि अब जवाब बड़ा होगा और कितना बड़ा होगा, ये हम तय करेंगे। 26 लोगों के बदले 9 आतंकवादी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया। इसके जवाब में जब पाकिस्तानी सेना ने भारत के 26 शहरों पर हमला किया तो पाकिस्तानी सेना के 11 सैन्य हवाई अड्डों को तबाह कर दिया गया। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत की गई कार्यवाही को आतंकवादी हमले का बदला नहीं कहा जा सकता बल्कि ये कार्यवाही पाकिस्तान को दंड देने की कार्यवाही है। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा कर दी है कि अब वो आतंकवादी और उनके नेता, पाकिस्तान की सेना और सरकार को एक मानते हैं। अब अगर भारत पर आतंकवादी हमला होगा तो भारत उसका दंड सिर्फ आतंकवादियो को नहीं देगा बल्कि पाकिस्तान की सेना व सरकार को भी उसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। 
मोदी सरकार ने घोषणा कर दी है कि अब वो आतंकवादी हमले को एक्ट ऑफ वॉर की नज़र से देखेगी और उसका जवाब सैन्य कार्यवाही के रूप में देगी। कार्यवाही की मात्रा और तरीका भारतीय सेना तय करेगी। वैसे मोदी सरकार को पाकिस्तान पर पूरा भरोसा है कि वो फिर आतंकवादी हमला करवा सकता है। यही कारण है कि भारत सरकार ने घोषणा की है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ रोका गया है। ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखने की बात कहकर पाकिस्तान को संदेश दे दिया गया है कि इस बार आतंकवादी हमले का बड़ा जवाब दिया जाएगा। भारत जैसे बड़े देश के लिए पाकिस्तान जैसे छोटे देश से बदला लेने की बात करना सही नहीं लगता है। इसलिए भारत दुनिया को संदेश देना चाहता है कि अब वो बदला नहीं लेगा बल्कि पाकिस्तान को ऐसा दंड देगा कि वो भविष्य में भारत पर हमला करने से पहले सौ बार सोचे। 
अब भारत की नीति आतंकियों और उनके आका पाकिस्तान को आतंकित करने की है। अब भारत नहीं, उन्हें डरना होगा कि अगर आतंकवादी हमला किया तो अंजाम सोच से परे होगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय सेना को मोदी सरकार ने 11 साल में इतना शक्तिशाली बना दिया है कि पाकिस्तान की सेना उसके मुकाबले बहुत कमजोर दिखाई दे रही है। मोदी सरकार लगातार भारतीय सेना को ताकतवर बना रही है ताकि भारत के दुश्मनों में आतंक बना रहे कि भारत पर हमला करने का क्या अंजाम हो सकता है। 

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