उत्तर-पश्चिम भारत में  19 से 25 जून तक मानसून होगा मेहरबान


नई दिल्ली, 14 जून - 19 से 25 जून के बीच यह उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को ढक लेगा. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख से कुल बारिश का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. यह कई वैश्विक और स्थानीय कारकों पर निर्भर करता है. इस बार पूरे देश में औसत से अधिक बारिश की संभावना हैदक्षिण-पश्चिम मानसून के इस हफ्ते फिर से रफ्तार पकड़ने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक मानसून पहुंच सकता है। इस बार मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। आमतौर पर मानसून केरल में एक जून को पहुंचता है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न-दबाव वाले मजबूत तंत्र के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा है और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया। हालांकि, यह 28-29 मई से 10-11 जून तक थमा रहा और फिर से सक्रिय हो गया। विभाग के अनुसार, जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि हुई। इससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी की स्थिति उत्पन्न हो गई। उत्तर-पश्चिम भारत में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख शामिल हैं। विभाग के अनुसार, अब मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा। इसके 19 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के 27 जून की सामान्य शुरुआत की तारीख से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है।  

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