मौसम अलर्ट: हिमाचल में फिर रफ्तार पकड़ेगा मानसून, IMD ने जारी किया अलर्ट
शिमला, 11 सितंबर (ब्यूरो रिपोर्ट)- हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से राहत देने वाला मौसम अब फिर करवट लेने जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि राज्य में एक बार फिर मानसून सक्रिय होगा और कई जिलों में भारी वर्षा के साथ बिजली गिरने की आशंका है। बीते 24 घंटों में कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई है। बिलासपुर के ब्राह्राणी में सर्वाधिक 82 मिमी, मंडी के जोगेंद्रनगर में 80, गग्गल में 75, धर्मशाला में 70, धौलाकुआं में 65, श्री नयनादेवी में 64, पालमपुर और बजौरा में 60-60, मंडी में 42 और पंडोह में 40 मिमी वर्षा दर्ज की गई। राजधानी शिमला में भी बादलों का डेरा रहा और कुछ स्थानों पर हल्की धूप देखने को मिली।
मौसम विभाग के अनुसार, 12 से 14 सितंबर तक राज्य के अधिकांश जिलों में गरज के साथ भारी वर्षा की संभावना है। 12 सितंबर को ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में बिजली गिरने और गरज के साथ वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। 13 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। 14 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। वहीं, 15 और 16 सितंबर को हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है, लेकिन किसी प्रकार का अलर्ट नहीं है
प्रदेश में अब तक मानसून भारी तबाही मचा चुका है। अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है, 40 लोग लापता हैं और 439 लोग घायल हुए हैं। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक राज्य को अब तक 4306 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका है। मकानों और दुकानों को हुआ नुकसान भी गंभीर है। अब तक 1265 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं, जबकि 5469 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 478 दुकानें और 5612 गौशालाएं भी जमींदोज हो चुकी हैं। आपदा में 1999 पशु और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। अब तक प्रदेश में 137 भूस्खलन, 97 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
मौसम की मार से राज्य में सड़क, बिजली और पेयजल व्यवस्थाएं भी चरमराई हुई हैं। बुधवार शाम तक पूरे प्रदेश में 4 नेशनल हाइवे और 582 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 समेत 214 सड़कें बंद हैं, मंडी में 150, शिमला में 58, कांगड़ा में 42, चंबा में 30 और ऊना में एनएच-503ए व 19 सड़कें अवरुद्ध हैं। किन्नौर में एनएच-05 भी बंद पड़ा है। बिजली व पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। राज्यभर में 571 ट्रांसफार्मर और 378 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। अकेले कुल्लू जिले में 439 ट्रांसफार्मर बंद हैं, लाहुल-स्पीति में 51 और शिमला में 46 ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। कांगड़ा में 176, शिमला में 108 और मंडी में 52 पेयजल योजनाएं बाधित हैं।
सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और अनावश्यक यात्रा से बचें। साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।