सुनामी या चक्रवात जैसी आपदाओं के समय मैंग्रोव बहुत मददगार साबित होते हैं - प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर - मन की बात के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जिस तरह पहाड़ों और मैदानों में जंगल होते हैं, जो मिट्टी को आपस में बाँधते हैं, उसी तरह तटों पर मैंग्रोव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। मैंग्रोव समुद्र के खारे पानी और दलदली भूमि में उगते हैं और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये मैंग्रोव सुनामी या चक्रवात जैसी आपदाओं के समय बहुत मददगार साबित होते हैं..." "पाँच साल पहले, गुजरात वन विभाग की टीमों ने अहमदाबाद के पास धोलेरा में मैंग्रोव लगाना शुरू किया था और आज धोलेरा तट पर 3,500 हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में मैंग्रोव फैल चुके हैं। इन मैंग्रोव का प्रभाव आज पूरे क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। वहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र में डॉल्फ़िन की संख्या बढ़ी है। केकड़ों और अन्य जलीय जीवों की संख्या भी पहले की तुलना में बढ़ी है। प्रवासी पक्षी भी अब आ रहे हैं।" यहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं। गुजरात के कच्छ में एक 'मैंग्रोव लर्निंग सेंटर' भी स्थापित किया गया है..."

#सुनामी या चक्रवात जैसी आपदाओं के समय मैंग्रोव बहुत मददगार साबित होते हैं - प्रधानमंत्री