सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस ने पहले दिन 17 केस सुने
दिल्ली, 24 नवंबर (PTI) - चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया के तौर पर अपने पहले दिन, जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को एक नया प्रोसिजरल नियम बनाया कि अर्जेंट लिस्टिंग के लिए केस लिखकर बताए जाने चाहिए और मौत की सज़ा और पर्सनल लिबर्टी जैसे "एक्सेप्शनल हालात" में ओरल सबमिशन पर विचार किया जाएगा।
जस्टिस कांत की हेडिंग वाली बेंच ने CJI के तौर पर अपने पहले दिन करीब दो घंटे चली कार्रवाई में 17 केस सुने। जस्टिस कांत ने राष्ट्रपति भवन में भगवान के नाम पर हिंदी में शपथ लेने के तुरंत बाद 53वें CJI के तौर पर ऑफिशियली चार्ज संभाला।
दोपहर में CJI के तौर पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर, उन्होंने कोर्ट परिसर में महात्मा गांधी और डॉ. बी. आर. अंबेडकर की मूर्तियों पर माला चढ़ाई। इसके बाद उन्होंने लीगेसी कोर्ट नंबर एक में तीन जजों की बेंच को हेड किया, जिसमें जस्टिस जॉयमाल्या बागची और अतुल एस चंदुरकर भी शामिल थे। नए CJI ने साफ़ किया कि "बहुत खास" हालात को छोड़कर, अर्जेंट लिस्टिंग के लिए रिक्वेस्ट मेंशन स्लिप के ज़रिए लिखकर की जानी चाहिए, न कि बोलकर।
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व CJI बीआर गवई समेत कई जाने-माने लोगों की मौजूदगी में एक छोटे से समारोह में जस्टिस कांत को शपथ दिलाई। वह लगभग 15 महीने तक CJI के तौर पर काम करेंगे और 9 फरवरी, 2027 को, जब वह 65 साल के हो जाएंगे, अपना पद छोड़ देंगे।

