हार्ट अटैक है तो मरीज की छाती दबाएं

 

 


जब कभी किसी को ऐसे स्थान पर दिल का दौरा पड़ जाए जहां से अस्पताल पहुंचने में समय लगना हो तो उसकी छाती पर दबाव बनाया जाना चाहिए। मुंह से सांस देने के बजाय छाती पर दबाव देने से मरीज के बचने की सम्भावना दोगुनी हो जाती है। इस शोध में शामिल डाक्टरों के अनुसार मुंह से सांस भरने से मरीज को कोई लाभ नहीं होता, अत : ऐसे संकट में मरीज की छाती पर ही दबाव देना चाहिए।

कई बीमारियों का संकेत है गले में खराश व दर्द होना

गला खराब रहना या गले में खराश रहना एक आम समस्या है। गला खराब होना कई अन्य बीमारियों का संकेत देता है जैसे जुकाम शुरू होने या फ्लू होने का संकेत, प्रदूषित हवा, सही खानपान का न होना, शादी ब्याह में बदपरहेजी करना, अधिक ठंडे पदार्थ खाना-पीना और किसी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में रहना गले में खराश और दर्द होने के मुख्य कारण हैं। इन हालात में गले को आराम देना बहुत  ज़रूरी होता है, नहीं तो इसके कारण आप अन्य उलझनों में पड़ सकते हैं। कुछ सरल नुस्खों को अपना कर आप अपने गले की देखभाल कर सकते हैं :-
* गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में चार-पांच बार गरारे करें। गरारे करने के तुरंत बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पीएं, जिससे गले को आराम मिलेगा। एक कप पानी में एक चौथाई चम्मच नमक मिलायें। गले में अधिक खराश होने पर विक्स या स्ट्रेपसिल्स की गोलियां चूसते रहें, जिससे गले को ठंडक और खराश से राहत मिलती है। दिन में चार गोलियों से अधिक मत चूसें।
* गले में अधिक दर्द होने पर एक गोली पैरासिटामोल लें, ताकि दर्द कम हो जाये। वैसे किसी भी दवा के सेवन से पहले डाक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
* गले में खराश होने पर स्टीम लेने से भी राहत मिलती है। कमरे को बंद कर हीटर या इलैक्ट्रिक रॉड को पानी की भरी बाल्टी में लगा लें या हीटर पर बड़े बर्तन में पानी भर कर ऑन कर दें। पानी को खूब उबलने दें ताकि कमरे में स्टीम फैल जाये और यही स्टीम सांस द्वारा अंदर लेने से गला खुलता है और खराश में राहत महसूस होती है। यह ध्यान रखें कि यदि गले की खराश या दर्द तीन-चार दिन तक काबू में न आए तो डॉक्टर से जांच अवश्य करवा लें और उनके परामर्श अनुसार दवाइयों का सेवन करें। (स्वास्थ्य दर्पण)