सपनीली सफलता की राह पर हैं शूटिंग के नये सितारे

पिछले एक दशक से शूटिंग में भारत का प्रदर्शन निरंतर बेहतर होता जा रहा है। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इस खेल में लगातार नये सितारे भी उभर रहे हैं और ये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपलब्धियों से देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं। अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग आदि के पदचिन्हों पर चलते हुए, अब इस क्त्रम में जो दो नये सितारे चमके हैं- ये हैं शाहजर रिजवी और मनु भाकर। गौदालाजारा, मेक्सिको में खेले जा रहे वर्ष के पहले आईएसएसएफ (इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन) विश्व कप में  रिजवी ने 10 मी एयर पिस्टल (पुरुष) प्रतिस्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि भाकर ने 24 शॉट फाइनल में स्वर्ण पदक हासिल किया। 
इस प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए 24 वर्षीय रिजवी और 11 वीं कक्षा की छात्रा भाकर को अपने करियर का यह पहला अवसर मिला था। इन दोनों की जीत की उल्लेखनीय बात यह रही कि दोनों ने ही अपनी अपनी स्पर्धाओं में ओलम्पिक व विश्व चैंपियनों को पराजित करके यह सफलता हासिल की। रिजवी ने रिओ ओलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता क्रिस्चियन रिट्ज (जर्मनी) को पीछे छोड़ा और 242.3 का स्कोर निकालकर जापान के लीजेंड टोमोयुकी मत्सुदा का विश्व रिकॉर्ड (241.8) तोड़ा जो उन्होंने पिछले साल अक्तूबर में स्थापित किया था। वहीँ भाकर ने 24 शॉट फाइनल के आखरी शॉट में 10.8 का स्कोर किया और मेजबान देश की दो बार की विश्व चैंपियन अलेजांद्र जवाला को पराजित किया। भाकर का 237.5 स्कोर रहा और जवाला का 237.1 स्कोर रहा। ध्यान रहे कि भाकर ने हाल ही में 2018 ब्यूनेसआयर्स यूथ ओलम्पिक गेम्स में हिस्सा लेने के लिए जगह पक्की की थी। भास्कर ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘स्वर्ण पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं, विशेषकर इसलिए कि यह मेरा पहला विश्व कप है। आने वाली प्रतियोगिताओं में मैं इससे बेहतर करने का प्रयास करूंगी।’ रिजवी का संबंध मेरठ के गांव छोटा मवाना के एक साधारण परिवार से है। उनके पिता शमशाद अहमद ट्रांसपोर्ट ठेकेदार हैं और मां शाहजहां रिजवी गृहिणी हैं। रिजवी ने 2010 में शूटिंग शुरू की थी और तभी से उनका एकमात्र सपना देश का प्रतिनिधित्व करना और ओलिंपिक गोल्ड लाना रहा है। वह बताते हैं, ‘जिन लोगों को मेरी क्षमता पर शक था, उनको यह (विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक) मेरा जवाब है। मेरे प्रैक्टिस रिकॉर्ड इससे बेहतर हैं और मेरी कोशिश रहेगी कि अमेरिका, कोरिया व जर्मनी में होने वाले विश्व कपों में इससे बेहतर स्कोर करूं ताकि मेरा रिकॉर्ड थोड़ा लम्बा कायम रहे।’ रिजवी के लहजे में कड़वाहट अकारण नहीं है। रिजवी ने 10 मी. एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा दिसम्बर में थिरुवनंतपुरम में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप्स में भी नये कीर्तिमान के साथ जीती थी। वह देश में लगातार दूसरी रैंकिंग बनाये हुए हैं। रोनक पंडित की निगरानी में ट्रेनिंग करने वाले रिजवी को ओलिंपिक गोल्ड क्वेस्ट की सपोर्ट है। रिजवी ने मेरठ के जवाहर इंटर कॉलेज से स्कूलिंग की और फिर अपने सपने को साकार करने में लग गये। उन्होंने 58 वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता (पुणे, 2014) में रजत पदक जीता, फिर 59 वें (दिल्ली, 2015) में स्वर्ण पदक जीता। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल आयोजित कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था। 2015 की जीत के कारण उन्हें भारतीय वायु सेना में नौकरी मिल गई, जिसमें वह सार्जेंट के पद पर कार्य करते हैं। वायु सेना में रोजगार मिलने से उन्हें बेहतर ट्रेनिंग व हथियार मिलने लगे। पिछले साल नवम्बर में रिजवी का विवाह हुआ है। उनकी पत्नी नाजिया बताती हैं, ‘पूरा परिवार मुझे शाहजर के लिए लक्की समझता है क्योंकि हमारी सगाई के बाद से ही वह सभी प्रतियोगिताओं में स्वर्ण जीत रहे हैं ।’ हालांकि एसोसिएशन ने राष्ट्रकुल खेलों के लिए रिजवी का चयन नहीं किया, लेकिन उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह का कहना है, ‘यह सपने जैसी शुरुआत है। युवा प्रतिभाएं और भारतीय शूटिंग का भविष्य जबरदस्त खेल दिखा रही हैं। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि यह अधिक बेहतर भविष्य का संकेत है। भास्कर इतनी कम उम्र की है, लेकिन उसने गजब का संयम दिखाया। दूसरे युवा शूटर भी निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते जा रहे हैं और हमारी चाहत बढ़ती जा रही है।’इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि युवा खिलाड़ी केवल अपनी प्रतिभा व लगन के चलते अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं, लेकिन उनसे देर तक अच्छे सेवा लेने के लिए आवश्यक है कि उन्हें अपने खेल में सुधार लाने के लिए न सिर्फ  तमाम आधुनिक सुविधाएं मिलें बल्कि उनके साथ चयन प्रक्रिया में कोई भेदभाव भी न हो। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर