पति अपनी पत्नी को साथ रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता - सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 08 अप्रैल - उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि पत्नी ‘चल संपति’ या एक ‘वस्तु’ नहीं है और साथ रहने की इच्छा होने के बावजूद पति इसके लिए पत्नी पर दवाब नहीं बना सकता है। एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है। महिला ने अपने आरोप में कहा था कि पति चाहता है कि वह उसके साथ रहे लेकिन वह स्वयं उसके साथ नहीं रहना चाहती है।