महिला हाकी टीम सैमीफाइनल में हारी

गोल्ड कोस्ट, 12 अप्रैल (भाषा): भारतीय महिला हाकी टीम ने अंतिम क्षणों में गोल करने के दो बेहतरीन मौके गंवाये जिसका खामियाजा उसे तीन बार के मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया के हाथों आज यहां राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में 0-1 की हार से चुकाना पड़ा।  भारतीय टीम ग्रेस स्टीवर्ट के तीसरे क्वार्टर में किये गये गोल की बराबरी करने के लिये बेताब थी। जब मैच में चार मिनट बचे थे तब मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने गोलकीपर सविता पूनिया को बुलाकर उनकी जगह अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी उतारी लेकिन भारतीय टीम मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रही। नवनीत ने मोनिका के दायें छोर से दिये गये क्रास पर गोल करने का आसान मौका गंवाया जबकि रानी भी वंदना कटारिया के पास पर गेंद को गोल में नहीं भेज पाई। भारत अब कांस्य पदक के मुकाबले के लिये इंग्लैंड से भिड़ेगा।  कोच हरेंद्र मैच के बाद हालांकि हार से बहुत दुखी नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम हार गये लेकिन हम खराब नहीं खेले। आस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ उसकी घरेलू सरजमीं पर 1-0 का परिणाम खराब नहीं है। हम पिछले दो खेलों में पांचवें स्थान पर रहे थे। इसलिए इस बार पदक जीतना अच्छा रहेगा। देखते हैं कि यहां से क्या होता है।’’ खेल अधिकतर भारतीय हाफ में ही होता रहा। आस्ट्रेलिया ने अधिकतर समय गेंद पर कब्जा जमाये रखा। 
भारत ने पहले क्वार्टर के शुरू में लगातार दो पेनल्टी कार्नर बचाये। इसके बाद वंदना भी सर्किल के अंदर गेंद लेकर गयी लेकिन उन्हें सहयोग नहीं मिला।  भारतीय रक्षापंक्ति ने अच्छा खेल दिखाया और आस्ट्रेलिया के आक्रामक तेवरों को करारा जवाब दिया। इस बीच ग्रेस स्टीवर्ट एक अवसर पर गोल करने से भी चूकी।  भारतीय गोलकीपर सविता ने दूसरे क्वार्टर में अच्छा बचाव भी किया। इस बीच नवनीत को पीला कार्ड मिला जिसके कारण पांच मिनट तक भारतीय टीम दस खिलाड़ियों के साथ खेली। आस्ट्रेलिया ने आक्रमण जारी रखा लेकिन वह भारतीय रक्षकों की मजबूत दीवार को भेदने में नाकाम रहा। उसे तीसरे क्वार्टर में मैच का तीसरा पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन दीप ग्रेस एक्का ने इसे नाकाम कर दिया।   स्टीवर्ट ने क्रास पर करारा शाट जमाकर मैच का एकमात्र गोल किया। भारत को चौथे क्वार्टर में लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह उनका फायदा नहीं उठा पाया।