अम्बेदकर जयंती पर सिखों ने संयुक्त राष्ट्र में किया प्रदर्शन

संयुक्त राष्ट्र, 14 अप्रैल (भाषा) : बाबा साहेब अम्बेदकर की 127वीं जयंती के मौके पर सिखों के एक समूह ने भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ कथित अत्याचारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रदर्शन किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अम्बेदकर की 127वीं जयंती का जश्न मनाने के लिए कल संयुक्त राष्ट्र में ‘लीविंग नो वन बिहाइंड’ शीर्षक से विशेष कार्यक्रम आयोजित किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने जैसे ही कार्यक्रम में बोलना शुरू किया तभी कांफ्रेंस कक्ष में मौजूद सिखों का एक समूह खड़ा हो गया और उन्होंने ‘ अल्पसंख्यक खतरे में ’ तथा ‘ नेवर फॉर्गेट 84’ लिखे पोस्टरों के साथ ही अयोध्या की बाबरी मस्जिद और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की तस्वीर वाले पोस्टर लहराए। अकबरुद्दीन ने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपना भाषण देते रहे। करीब 15 की संख्या में सिखों ने अपनी पगड़ी पर काले बैंड लगा रखे थे और वे अकबरुद्दीन के भाषण के दौरान चुप चाप हाथों में पोस्टर लिए खड़े रहे। जैसे ही अकबरुद्दीन का भाषण समाप्त हुआ तो सिख समूह कांफ्रेंस कक्ष से बाहर निकल गया जहां संयुक्त राष्ट्र पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने उनसे पूछताछ की। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर यूएसए और युवा अकाली दल अमृतसर यूएसए से जुड़े सिखों ने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि वे चुपचाप शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत में सत्ता में आई भाजपा सरकार देश को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। वे सिखों, ईसाईयों, मुस्लिमों, दलितों के खिलाफ अत्याचार कर रहे हैं। हम भारत में सभी समुदायों की ओर से यहां शांतिपूर्वक संदेश देना चाहते हैं कि समानता स्थापित करने का अंबेदकर का विजन अब भी सच नहीं हुआ है।’’