भारतीय टैनिस के करवट लेते हालात

टैनिस एक ऐसा खेल है, जिससे नया सीज़न शुरू होते ही बीता समय इतिहास से अधिक और कुछ नहीं होता और एक तरह से नए सिरे से शुरुआत होती है। भारत के लिए इस समय टैनिस के हालात ऐसे हैं कि घटनाक्रम पल-पल बदल रहे हैं। भारतीय टैनिस के लिए गुज़रा समय मिला-जुला रहा था, जिसमें न तो खिलाड़ी ऊंचाई पर पहुंचे और न ही पूरी तरह नाकाम रहे थे। यूकी भांबरी, राजकुमार रामनाथन और सुमित नागल ने सफलाओं को हासिल किया और युवाओं के जज़्बे और उम्मीदें कायम हैं। भारतीय टैनिस के लिए सबसे अच्छी खबर यह आई है कि टैनिस खिलाड़ी अंकिता रैना ताजा डब्ल्यू टी.ए. रैकिंग के सिंगल खिलाड़ियों में शिखर की 200 में जगह बनाने वाली देश की तीसरी खिलाड़ी बन गईं। ताज़ा रैंकिंग में 15 स्थानों के सुधार से 25 वर्ष की अंकिता करियर की सबसे बढ़िया रैकिंग यानि 197वें पर पहुंच गई है। उनसे पहले यह स्थान निरूपमा वैद्यानाथन और सानिया मिज़र्ा ने हासिल किया था। सानिया 2007 में करियर की सर्वश्रेष्ठ रैकिंग 27वें स्थान पर पहुंची थी, जबकि निरूपमा 1997 में 134वीं रैकिंग तक पहुंची थी। 1997 में 134वीं रैकिंग तक पहुंची थी। जापान में आई.टी. ऑफ सर्कट में खेल रही अंकिता ने काफी मेहनत की है और इस स्थान तक पहुंचने के लिए बहुत संयम भी दिखाया है। महिला सिंगल रैंकिंग में कर्मन और बांडी दूसरी भारतीय हैं, जिनकी रैंकिंग 267वीं की है। ए.टी.पी. रैंकिंग में 105वें स्थान पर यूकी भांबरी भारत के शिखर के सिंगल खिलाड़ी हैं। उनके बाद राजकुमार रामनाथन (133), सुमित नागल (213), प्रजनेश गुणेश्वरन (264) और अर्जुन खाड़े (396) का नम्बर आता है। डब्लज़ रैंकिंग में रोहन बोपन्ना शिखर के भारतीय हैं। वह 19वें स्थान पर काबिज़ हैं। इसमें दिविज शरण 42वें स्थान पर हैं जबकि लिएंडर पेस 45वें पायदान पर हैं। इसी तरह अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ने नए सीज़न के पहले मुकाबले डेविस कप एशिया ओशीएनिया ज़ोन ग्रुप एक में चीन के खिलाफ अपना महत्त्वपूर्ण डब्ल्ज़ मैच न सिर्फ जीता, बल्कि इसके साथ पेस ने टूर्नामैंट के इतिहास का सबसे सफल खिलाड़ी बनने की उपलब्धि भी अपने नाम कर ली। पेस ने भारत के लिए रिकार्ड 43वां डेविस कप मैच भी जीत लिया, जिसके साथ वह टूर्नामैंट के इतिहास में सबसे अधिक मैच जीतने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं। इस दौरान जीत चाहे आ गई लेकिन भारतीय टैनिस संघ के दबाव के बाद ही पेस और बोपन्ना टीम बनाने पर सहमत हुए थे। भारतीय टैनिस के मौजूदा हालात भी यही सब से बड़ी करवट कही जाएगी और नए सीज़न के मौके देखना यह भी होगा कि भारतीय टैनिस किस तरफ करवट लेती है।