जूठा खाने से भी उत्पन्न होती हैं बीमारियां


अक्सर ऐसा माना जाता है कि आपस में मिल बैठकर जूठा खाना खाने से प्रेम और अधिक बढ़ जाता है। एक-दूसरे का जूठा खाने से जहां तमाम लोगों के सीने में जलन होने लगी है वहीं दूसरी ओर एसिडिटी, अपच और पेट में दर्द होने जैसी बीमारियां भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी हैं।
फ्लू एवं निमोनिया के रोगाणुओं के लारों द्वारा अनगिनत बीमारियां तक फैलने लगती हैं। इसीलिए डाक्टरों की सलाह है कि खाद्य पदार्थों के सामूहिक प्रयोगों से स्वयं को बचाना चाहिए क्योंकि यदि जूठा खाएंगे तो बाद में पछताएंगे।
डाक्टरों का कहना है कि ‘हॉलिको वैक्टर पाइलोराइड’ नामक जर्म होंठ, जीभ और जूठे बर्तन के माध्यम से खाने को शीघ्र ही संक्रमित कर देते हैं, जिससे यदि कोई व्यक्ति बीमार होने की दशा में उस रोग के रोगाणु वाले के साथ बैठकर खाता है तो वह थाली के ज़रिये दूसरे व्यक्ति के मुंह में प्रवेश कर जाते हैं। तब यही समस्त नए रोग उत्पन्न होकर मुसीबत का सबब बन जाते हैं।
अगर आज तक आप भी इस बात से अनजान होकर जूठा खाने की प्रथा को फॉलो कर रहे हैं तो जल्दी ही सतर्क हो जाइये वरना कौन सी बीमारी कब आपको धर-दबोचे, कुछ नहीं कहा जा सकता। 
यहां दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ जूठा भोजन ग्रहण करने से ही रोगों के उत्पन्न होने की सम्भावना नहीं रहती बल्कि एक-दूसरे से मांग कर पी गई शरीब, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का इत्यादि भी शेअर करने से भयंकर रोग हो सकते हैं। इसलिए जहां तक सम्भव हो सके इन चीज़ों को शेअर करके प्रयोग करने पर विराम लगाएं बेहतर साबित होगा।
इसके अलावा अपने परिवार में मौजूद बड़ों के अतिरिक्त छोटे बच्चों को भी एक-दूसरे का जूठा खाना खाने से रोकें, तभी आप अनगिनत जन्म लेती बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख पाएंगे अन्यथा आपको बीमार होने से कोई नहीं रोक सकता। (स्वास्थ्य दर्पण)
—अनूप मिश्रा