आतंकवादियों के पास हैं बुलेट प्रूफ ढाल को छेद सकने वाली गोलियां

श्रीनगर, 17 जून (भाषा): आतंकवादी संगठनों ने हथियारों के अपने जखीरे में कठोर स्टील से बनी गोलियों को शामिल करके सुरक्षा संस्थानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इन गोलियों में आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान इस्तेमाल होने वाले बुलेट प्रूफ बंकरों को भी भेदने की क्षमता है। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की पहली घटना जनवरी में नए साल के मौके पर नज़र में आई थी जब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के लेथपुरा में सीआरपीएफ के शिविर पर आत्मघाती हमला किया था। इस घटना में सेना द्वारा उपलब्ध कराई गई बुलेट प्रूफ ढाल के पीछे होने के बावजूद अर्धसैनिक बल के पांच में से एक कर्मी को गोली लग गई थी। उक्त हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। एक विस्तृत जांच में यह बात सामने आयी कि आतंकवादियों द्वारा क्लाशनिकोव (एके) राइफल से चलाई गई गोलियां स्टील से बनी थीं जो कि आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बुलेटप्रूफ शील्ड में छेद करने में सक्षम  हैं। जांच में पता चला कि कवच-भेदी ये गोलियां कठोर स्टील या टंगस्टन कार्बाइड से बनी होती हैं। कश्मीर घाटी में आतंकवादी रोधी कार्यक्रमों में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परिणाम सामने आने के बाद एहतियाती कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर एके राइफल की गोलियों में सीसे का छर्रा होता है जो हल्के स्टील से ढका होता है और बुलेट प्रूफ ढाल को नहीं छेद सकता लेकिन 31 दिसम्बर, 2017 की मुठभेड़ के बाद ये सब बदल गया है।