दिल्ली के 10 गुरुद्वारों में रोज़ाना 1 लाख लोग ग्रहण करते हैं लंगर

नई दिल्ली, 17 जून (एजैंसी): दिल्ली के 10 ऐतिहासिक गुरुद्वारों में रोजाना लगभग एक लाख संगत लंगर ग्रहण करती है। जबकि गुरुपर्व, होली, दीपावली तथा सप्ताह के अंतिम दिनों में इनकी संख्या बढ़कर लगभग पांच लाख तक पहुंच जाती है। इन गुरुद्वारों के लंगर स्वच्छता, गुणवत्ता, पौष्टिकता और शुद्धता के मामले में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संगठन फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड आथॉरिटी आफ इंडिया के सख्त मापदंडों पर खरे उतरे हैं।  इन गुरुद्वारों में विभिन्न साधनों के उपयोग से प्रदान किए जाने वाले लंगर को ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक बनाया गया है। नई दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में देश के विभिन्न हिस्सों से अपनी शिकायतों, मांगों को लेकर आने वाले आंदोलनकारियों, धरना-प्रदर्शनकारियों को नियमित रूप से ‘घर का खाना’ मुहैया कराया जाता है। यहां जाति, धर्म, क्षेत्र एवं राजनैतिक भेदभाव के बिना लंगर प्रदान किया जाता है। गुरुद्वारों में लंगर की गुणवत्ता, स्वच्छता, पौष्टिकता आदि सुधारने के लिए प्रबंधकसमितियों का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत देसी घी, खाद्य तेल आदि को प्रयोग से पहले सरकारी प्रयोगशाला में जांच परखा जाता है जबकि सब्ज़ियों की ताजगी तथा पौष्टिकता को सुनिश्चित करने के लिए सीधे आज़ादपुर मंडी से खरीदा जाता है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने बताया कि सभी लंगर रसोइयों को पीला एप्रॉन, दस्ताने और पगड़ी पहनना अनिवार्य किया गया है ताकि सभी प्रकार के प्रदूषण को रोका जा सके। मंजीत सिंह जीके ने बताया कि लंगर में चपाती बनाने के लिए आधुनिक मशीन लगाई गई है। उन्होंने कहा कि बचे हुए भोजन, फलों आदि को बड़ी ट्रालियों में ढक कर रखा जाता है। संगत को स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिए गुरुद्वारा परिसर में आर.ओ. लगाए गए हैं।