स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है  विटामिन डी

पिछले कुछ सालों में भारतीयों में विटामिन डी की कमी बढ़ती जा रही है। कारण लोगों का अधिक समय चारदीवारी में गुजारना जैसे एसी आफिसों में काम करना, घर में कूलर, एसी में बैठना, सोना, टीवी देखना, वीडियो गेम खेलना, कम्प्यूटर पर सर्फिंग करना आदि। विटामिन डी ही एक ऐसा विटामिन है जो मुफ्त में मिलता है। वैसे विटामिन डी की ज़रूरत हर उम्र में होती है, लेकिन बढ़ती उम्र में इसकी ज़रूरत बढ़ती जाती है इसे बनाने की क्षमता कम होती जाती है।
विटामिन डी की कमी के कारण
—मांसपेशियों में कमज़ोरी, जोड़ों में दर्द,मार्निंग सिकनेस, शारीरिक कमज़ोरी।
क्यों ज़रूरी है विटामिन डी
विटामिन डी हमारे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित रखता है। यह हड्डियों को मज़बूती के लिए और तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) की प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी बहुत ज़रूरी है। इसके अतिरिक्त शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन डी की शरीर में उचित मात्रा होने पर हाई ब्लड प्रैशर का खतरा कम रहता है।
विटामिन डी की कमी के कारण
—एयरकंडीशन में अधिक समय तक रहना। —रात्रि की पारी में काम करना। —धूप में त्वचा टैनिंग या सनबर्न होने के डर से बाहर न निकलना। —बाहर सक्रियता में कमी। —कैंसर से पीड़ित लोगों में—सर्दियों में विटामिन डी का स्तर कम होना क्योंकि शरीर कपड़ों से ढका रहता है।
—जो लोग धार्मिक, सामाजिक व अन्य कारणों से शरीर को ढक कर रखते हैं।
—मोटे लोगों में विटामिन डी की मात्रा कम होती है, क्योंकि यह विटामिन वसा में घुलनशील होता है।
—गहरे रंग के लोगों में विटामिन डी का निर्माण कम होता है।
विटामिन डी के स्रोत
विटामिन डी का प्रमुख स्रोत सूर्य की किरणें हैं। इसके अतिरिक्त सप्लीमेंट जो दवा के रूप में लेने पड़ते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से भी विटामिन डी की कमी कुछ हद तक कम हो जाती है जैसे कॉड लिवर ऑयल, दूध, अंडे, चिकन, मशरूम, मछली आदि। 10 से 15 मिनट शरीर की खुली त्वचा पर प्रतिदिन अल्ट्रावयलेट किरणें पड़ने से विटामिन डी की आवश्यकता पूरी हो जाती है। बिना डाक्टर की सलाह के सप्लीमेंट न लें।
टैस्ट कराने से पता चलता है
विटामिन डी की शरीर में कमी की मात्रा को जानने के लिए लिए विटामिन डी का टैस्ट कराएं। 40 वर्ष की उम्र के बाद प्रतिवर्ष इस टैस्ट को कराएं ताकि स्थिति कंट्रोल में रह सके।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
—बच्चों में विटामिन डी की कमी से हड्डियों का रोग रिकेट हो जाता है, जिसमें हड्डियां कमज़ोर होकर आसानी से टूटने लगती हैं।
—इसकी कमी से आस्टियोपोरोसिस हो जाता है जो कैल्शियम के अवशोषण में रुकावट बनता है।
—विटामिन डी की कमी से इन्सुलिन का निर्माण बाधित होता है जो टाइप-2 डायबिटीज को गम्भीर बनाता है। (स्वास्थ्य दर्पण)
—नीतू गुप्ता