भारत के उद्योगों को बर्बाद करने हेतु पांव पसारने लगा ड्रैगन

लुधियाना, 26 जुलाई (पुनीत बावा) : चीन का ड्रैग्न भारत के उद्योगों को बर्बाद करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहा, जिसके तहत चीनी ड्रैग्न भारत में अपने पांव और पसारने लग पड़ा है। भारत विरोधी होने के बावजूद भारत की औद्योगिक नीतियां कम्पनियों को सहयोग देने वाली और भारतीय आर्थिकता को तबाह करने वाली हैं। गत चार वर्षों में भारत से दुनिया में निर्यात 1905011 करोड़ से 1955541 करोड़ रुपए हुई है। जो प्रति वर्ष 0.60 फीसदी व चार वर्षों में 2.5 फीसदी ही हुई है। उक्त आंकड़ों से यह सिद्ध हो गया है कि किस ढंग से भारत के उद्योगों को चीन के आगे बलि का बकरा बनाया गया है। भारत सरकार द्वारा भारतीय उद्योगों को बचाने के लिए किए गए प्रबन्ध न काफी होने के कारण गत चार वर्षों में चीनी उत्पाद आने में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिसका बड़ा कारण भारत सरकार द्वारा चीनी कम्पनियों को भारतीय बाज़ार को ग्राहक द्वारा प्रयोग की छूट देना है। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह से चार्ज लिया था, तो उस समय चीन से भारत की आयात 309235 करोड़ रुपए थी, जो अब वर्ष 2017-2018 में बढ़ कर 491542 करोड़ रुपए हो गई है।  भारत में चीन ने प्रत्यक्ष रूप में पिछले चार वर्षों में 60 फीसदी उत्पाद ज्यादा भेज कर भारतीय उद्योगों को तबाह किया है। पिछले चार वर्षों में इलैक्ट्रिकल व मशीनरी 184789 करोड़, कपड़ा व ऊन 16500 करोड़, प्लास्टिक पार्ट्स 15250 करोड़, चमड़े की वस्तुएं व फुटवेयर 5255 करोड़, लोहा व स्टील 19950 करोड़, खिलौने 3147 करोड़, आर्गेनिक कैमीकल 45691 करोड़, पलप व कागज़ उत्पाद 3934 करोड़, सैरामिक व गलासवेयर 5898 करोड़ व फर्नीचर 7737 करोड़ के उत्पाद चीन से भारत में आए हैं। जिस कारण इन क्षेत्रों से संबंधित एम.एस.एम.ई. उद्योग बंद हो गए हैं या वह बैंकों की एन.पी.ए. हैं। भारतीय उद्योगों को तबाह करने की रफ्तार मध्यम होने की अपेक्षा प्रतिदिन तेज़ होती जा रही है, भारत व चीन सरकार के मध्य 3000 उत्पादों को लेकर एक समझौता होने जा रहा है, जिसके तहत 3 हज़ार उत्पादों के चीन व भारत आने समय उनको कस्टम ड्यिटी सहित अन्य कई प्रकार की रियायतें दी जाएंगी। यदि 3 हज़ार उत्पादों का समझौता सहीबद्ध हो जाता है, तो यह भारतीय उद्योगों के लिए बड़ी तबाही का कारण बनेगा, जिसका देश की आर्थिकता पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। देश के उद्योगों को बचाने के लिए फैडरेशन आफ पंजाब स्माल इंडस्टरीज एसोसिएशन के प्रधान बदीश जिंदल ने चीन के ड्रैग्न द्वारा भारतीय उद्योगों को तबाह करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि वह चीन के साथ व्यापारिक नीति में तबदीली करके निर्यात व आयात नीति भारतीय उद्योगों के अनुकूल बनाएं, ताकि जो भारतीय उद्योग अपने आप को स्थापित कर सकें।