नई पीढ़ी के साथ गाने में सहज नहीं हूं  कुमार सानू

बॉलीवुड फिल्मों के लिए 1990 और 2000 दशक में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरने वाले कुमार सानू आज एक जाना-माना नाम है। वे एक लोकप्रिय पद्मश्री पुरस्कार और फिल्मफेयर बेस्ट मेल सिंगर अवॉर्ड से सुशोभित जो लगातार पांच साल विजेता रहे, उन्हीं के गाये सुपरहिट ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘मेरा दिल भी कितना पागल है’, ‘जब कोई बात बिगड़ जाये’ और ‘दो दिल मिल रहे हैं’ जैसे गाने दिए हैं। वे गायन रियलिटी शो ‘दिल है हिंदुस्तान-2’ पर एक जज के रूप में नजर आ रहे हैं। पेश है उन्हीं की जुबानी :
‘दिल है हिन्दुस्तानी-2’ में लीजेंडरी जज बनने का अनुभव कैसा रहा?
-‘दिल है हिन्दुस्तानी-2’ ने सारे बंधनों को तोड़कर, सारे हिन्दुस्तानी दिलों को एक साथ लाकर भारत का मान बढ़ाया है। यह वह मंच है जो भारतीय संगीत का विश्व पर होने वाले असर का जश्न मनाता है। इसमें सारे प्रतियोगी जाने-माने भारतीय गानों में अपना रंग मिला रहे हैं। इसका हिस्सा बनने की मुझे बेहद खुशी है और मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने प्रतिभाशाली प्रतियोगियों के साथ परफॉर्म करने का मौका मिला। इस शो में बिताये मैंने हरेक पल का मजा लिया। 
 आपने पिछला जो गाना गाया था उसके बाद से काफी लंबा अंतराल हो गया, क्या उसकी कोई खास वजह है?
-जब भी म्यूजिक का ज़िक्र होता है मैं काफी सोच-समझकर चुनता हूं। तेज म्यूजिक की जगह मैं मेलोडी पसंद करता हूं। मैंने 20,000 से अधिक गाने गाये हैं और उनमें से सभी मेलोडी ही हैं। मैं नई पीढ़ी के साथ गाने में उतना सहज नहीं हूं। 
आपने अपनी बेटी के साथ एलबम किया है, क्या उन्हें बॉलीवुड में लॉन्च करने की कोई योजना है?
-मेरी बेटी हॉलीवुड में काफी अच्छा कर रही है, मैं चाहता हूं कि वह वहां आगे बढ़ेें और खुद को निखारे। उन्हें बॉलीवुड में लाने की कोई योजना नहीं है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे उनके जैसी बेटी मिली है। हॉलीवुड में लोग मुझे उनकी वजह से जानते हैं। उन्होंने वहां मुझे कई लोगों से मिलवाया है और उन्होंने आज तक जो कुछ भी किया है उस पर मुझे गर्व है।