भ्यांबी की बेटी, दोहते और दामाद ने देश को दिलाए 3 स्वर्ण, 5 कांस्य, 1 रजत पदक

बंगाणा, 13 सितम्बर (आर्य) : उपमंडल बंगाणा के गांव भ्यांबी की बेटी ने साऊथ कोरिया में संपन्न हुई ऑलम्पिक गेम्स में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर देश का ही नहीं प्रदेश और ज़िला ऊना का नाम रोशन किया है। आभा जवास ने साऊथ कोरिया में आयोजित हुई वर्ल्ड ताइक्वांडो कल्चरल एक्सपो 2018, विश्व ताइक्वांडो हनमादेंग 2018, जीओंजु ओपन इंटरनेशनल ताइक्वोंडो चैंपियनशिप 2018, विश्व टेकोंन 2018 में तीन स्वर्ण व एक रजत पदक जीत कर देश लौटी हैं। एम.सी.ए. की डिग्री प्राप्त किए 42 वर्षीय आभा शर्मा जवास बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही मार्शल आर्ट का बेहद शौक था। आभा के पिता वैज्ञानिक और माता गृहिणी हैं। बचपन से ही आभा अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में रही और विद्या भवन विद्यालय से अपनी पढ़ाई की। शादी के उपरान्त इनका यह सपना पूरा हुआ, क्योंकि इनके पति डॉ. रजनीश जवास जो कि प्राईवेट जॉब करते हैं और इनके पिता बलिराम शर्मा जो कि भारतीय मतकर्ता व मार्शल आर्ट्स स्पोर्ट्स फिटनेस एसोसिएशन के चेयरमैन हैं, उन्होंने आभा और उनके 10 वर्षीय बेटे योगी जवास को प्रोत्साहित कर मार्शल आर्ट्स में निपुण किया। अपनी सफलता का श्रेय आभा अपने पिता और पति को देती हैं। उन्होंने बताया कि 2015 और 2016 में साऊथ कोरिया में सम्पन्न हुई विश्व ताइक्वांडो चैम्पियन प्रतियोगिता में भाग लेकर मैडल हासिल कर चुकी हूं। आभा जवास ने बताया कि इन्हीं गेम्स के दौरान मेरे बेटे योगी जवास ने भी एक रजत व तीन कांस्य पदक जीते हैं। योगी जवास ने विश्व टेक्कयोंन प्रतियोगिता में  इंडोनेशिया के खिलाड़ी को हराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने पति डॉ. रजनीश जवास के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने भी वर्ल्ड ताइक्वांडो कल्चरल एक्सपो 2018 फाइट क्योरुगी में भारत को कांस्य पदक दिलाया है। डॉ. रजनीश जवास ने बताया कि वह 45 वर्षीय कोच होते हुए भी प्रतियोगिताओं में इसलिए भाग लेते हैं कि जिससे भारत के युवा ताइक्वांडो मार्शल आर्ट्स खिलाड़ियों का उत्साह व जोश बढ़ा सके।