आधार कार्ड को करना है फोन नंबर से डीलिंक, फिर से करवाना पड़ सकता है केवाईसी


नई दिल्ली, 2 अक्तूबर (एजेंसी): आधार कार्ड को मोबाइल फोन कनेक्शन से डीलिंक करवाने पर आने वाले दिनों में आपको फिर से केवाईसी करवाना पड़ सकता है। इसमें आपको फिर से अड्रैस प्रूफ या आईडी पू्रफ अपने टेलिकॉम सर्विस प्रवाइडर के पास जमा करवाना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों से प्लान मांगा है जिससे आधार कार्ड बेस्ड ई केवाईसी बंद किया जा सके।
यूडीएआई को यह कदम सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद उठाना पड़ा है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, प्राइवेट सैक्टर, स्कूल एडमिशन, नीटए सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। वहीं आईटी रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए आधार की जरूरत होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, जो कस्टमर आधार को डीलिंक करवाना चाहेंगे उन्हें कोई और प्रूफ जमा करवाना होगा। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, राशन कार्ड, इलैक्शन आईडी कार्ड, बैंक पासबुक, बिजली बिल आदि मान्य होंगे। दरअसल, यूआईडीएआई ने एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आईडिया के साथ अन्य कुछ कंपनियां को एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें दूरसंचार कंपनियों से पूछा गया है कि अब मोबाइल सिमकार्ड के सत्यापन के लिए होने वाले आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल को कैसे रोका जाएगा। 
इस पर कंपनियों को 15 दिन के अंदर जवाब देना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों को साफ  किया कि वे अब नई सिम खरीद रहे लोगों या फिर पहले से चल रही सिम को वैरीफाई करने के लिए आधार नंबर की मांग नहीं कर सकते। सभी ऑपरेटर्स को कहा गया है कि वह अपने कस्टमर्स को आधार डीलिंक करने की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें।