श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिख बंदियों की रिहाई को लेकर पंजाब सरकार सक्रिय

जालन्धर, 1 दिसम्बर (मेजर सिंह): पंजाब सरकार सिख भाईचारे के प्रति सद्भावना का प्रकटावा करने के लिए श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर देश की विभिन्न जेलों में बंद कैद भुगत चुके सिख बंदियों की रिहाई के लिए सक्रिय हुई बताई जाती है तथा ऐसे 18 सिख बंदियों के केस मंजूरी के लिए पंजाब सरकार द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जा रहे हैं। पता चला है कि इस संबंदी सभी विवरण व तथ्य एकत्र कर लिए गए हैं। बरगाड़ी इन्साफ मोर्चे की भी एक मांग यह है कि सभी सिख बंदी रिहा किए जाएं। उक्त 18 बंदियों में 5 बुड़ैल जेल चंडीगढ़, 3 उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद केन्द्रीय जेल व एक-एक तिहाड़ जेल दिल्ली व जयपुर की जेल के बंदी हैं। शेष सभी पंजाब की जेलों में बंद हैं। वर्णनीय है कि उक्त सभी बंदियों को पंजाब से बाहरी राज्यों में सज़ाएं हुई हैं तथा पिछले वर्षों में पितरी राज होने के कारण पंजाब की जेलों में तबदील किए गए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार उक्त कैदियों में कुछ और को पंजाब में तबदील किए जाने बारे भी संबंधित राज्यों से चिट्ठी-पत्र चल रहा है। पता चला है कि जेलों में बंद सभी कैदियों की रिहाई के लिए संबंधित ज़िलों के डिप्टी कमिश्नरों व एस.एस.पीज़ को रिपोर्ट देने के लिए कहा जा रहा है। पहले भी शताब्दियों मौके कैदियों की रिहाई बारे फैसले लिए जाते हैं परन्तु कैप्टन सरकार इस अवसर पर सिख पंथ व संगठनों की काफी समय से चली आ रही कैद भुगत चुके बंदियों की रिहाई का फैसला कर सिख भाईचारे में अच्छा संकेत देना चाहती है। रिहा किए जाने वाले 18 सिख बंदियों में से बहुत ऐसे हैं, जिन्होंने अदालत द्वारा दी सज़ा से कई-कई वर्ष अधिक सज़ा भुगत ली है। 18 सिख बंदियों में नाभा जेल में बंद लाल सिंह, दिलबाग सिंह व बलवीर सिंह बीरा, अमृतसर जेल में बंद प्रो. देविन्द्रपाल सिंह भुल्लर व गुरदीप सिंह खैहरा, तिहाड़ जेल में दया सिंह लाहौरिया, चंडीगढ़ बुड़ैल जेल में लखविन्द्र सिंह लक्खा, गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह भ्योरा व जगतार सिंह तारा, जयपुर जेल में हरनेक सिंह भप्प, उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद केन्द्रीय जेल में सुरिन्द्र सिंह छिंदा, सतनाम सिंह, दयाल सिंह व सुच्चा सिंह तथा पटियाला केन्द्रीय जेल में सुबेग सिंह व नंद सिंह बंदी हैं। उक्त सभी कैदियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। इन बंदियों में सुबेग सिंह व नंद सिंह ऐसे बंदी हैं जो 30 वर्ष से अधिक समय कैद भुगत चुके हैं। शेष भी बहुत 25 वर्ष से अधिक समय से जेलों में बंद हैं तथा यह लगभग सभी इस समय बुज़ुर्ग अवस्था में हैं। पता चला है कि पंजाब सरकार उक्त सभी कैदियों के केस बनाकर केन्द्र सरकार को भेज रही है तथा आने वाले दिनों में किसी समय भी उनकी पक्की रिहाई के आदेश भी हो सकते हैं। वर्णनीय है कि उक्त सभी कैदी पिछले वर्षों में सिख संघर्ष के दबाव के कारण पैरोल पर रिहा होते रहे हैं तथा किसी द्वारा भी कानून को हाथ में लेने का प्रयास नहीं किया गया।