किला गोबिंदगढ़ में पहुंचे शेर-ए-पंजाब के ऐतिहासिक शस्त्र


अमृतसर, 4 दिसम्बर (सुरिन्द्र कोछड़) : स्थानीय राम बाग (कम्पनी बाग) स्थित महाराजा रणजीत सिंह के समर पैलेस (गर्मियों के महल) में से लगभग 14 वर्ष पहले अस्थायी रूप से महाराजा रणजीत सिंह पैनोरमा में तबदील किए शेर-ए-पंजाब के महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं अन्य अनमोल वस्तुओं में से कुछ शस्त्रों को किला गोबिंदगढ़ में तबदील कर दिया गया है। सिख राज्य के इन शस्त्रों में चार नाली, दोनाली एवं एक नाली बंदूगों, जंबूरा गन, सोने के पत्तरे चढ़ी तोड़ेदार बंदूकें, इंग्लैंड से मंगवाई गई कार्बाइनें, नेजे, सजावटी ढालों, किरचों, खंडे, तेगां, डांगरे, जंजीरी गोले, जंजाल गन, चार आईना सैट (जंग में छाती, कंधों, बाजुओं एवं सिर की रक्षा के लिए जुड़े वाली लोहे की टोपी), टोपीदार बंदूकों, छड़ीदार बंदूक, संजोअ, तीर एवं कमान, पेशकबाज (खंजर) एवं कुल्हाड़ियां आदि शामिल हैं। लाहौर दरबार के यह शस्त्र किले के युद्ध अजायब घर में प्रदर्शनी हेतु रखे गए हैं। प्रदर्शनी में शामिल महाराजा रणजीत सिंह द्वारा कैप्टन बी. रोबर्ट्स को भेंट की तलवार, जिसका मुट्ठा घोड़े की शक्ल का और बीच में महाराजा रणजीत सिंह का छोटा चित्र बना हुआ है, दर्शकों को बहुत प्रभावित कर रही है। यह तलवार महाराजा भूपिन्द्र सिंह पटियाला द्वारा लंदन से खरीदी गई थी और आगे उनके पुत्र महाराजा यादविन्द्र सिंह ने यह पंजाब स्टेट अजायबघर को तोहफे के रूप में भेंट की थी। इसके अतिरिक्त असदउल्ला द्वारा तैयार की गई सजावटी ढाल, जिस पर महाराजा रणजीत सिंह, शहजादा खड़क सिंह एवं कंवल नौनिहाल सिंह का चित्र चित्रित है, भी दर्शकों को काफी लुभा रही है।  इस अजायबघर की पांच गैलरियों में उक्त शस्त्रों पर ऐतिहासिक सिक्कों सहित सिलिकान एवं कापर फाईबर के बने सिख जंगी योद्धाओं पर सिख राज्य के सिपाहियों के बिल्कुल जीते-जागते प्रतीत होते पुतले भी रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि हथियारों एवं सिक्कों के उक्त अजायबघर पर क्रमश: 7.81 करोड़ एवं 1.44 करोड़ की लागत आई है। युद्ध अजायबघर के प्रबन्धकों अनुसार वर्ष 1971 में अजायबघर में तबदील किए गए अमृतसर के कम्पनी बाग स्थित महाराजा रणजीत सिंह के समर पैलेस में शेर-ए-पंजाब से संबंधित कुल 712 वस्तुओं को प्रदर्शनी हेतु रखा गया था। समर पैलेस के नवनिर्माण के चलते पहले इन ऐतिहासिक वस्तुओं को राम बाग में ही नवम्बर 2001 में निर्मित महाराजा रणजीत सिंह पैनोरमा की छत पर बने एक छोटे से कमरे में रखा गया। सुरक्षा की कमी के चलते उक्त कमरे में से महाराजा के दुर्लभ खंजर चोरी होने पर इन वस्तुओं को निचली मंजिल में बने हाल में तबदील कर दिया गया। बताया जा रहा है कि समर पैलेस का नवनिर्माण पूर्ण होने पर लाहौर दरबार के कुछ शस्त्र, महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं अन्य अनमोल वस्तुएं वहां भी प्रदर्शनी हेतु रखी जाएंगी। इन वस्तुओं में लाहौर दरबार द्वारा अन्य सिख रियासतों, मिसलों के सरदारों एवं ब्रिटिश ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कम्पनी से किए गए लिखित समझौते और लाहौर शाही किला, अठदरां, लाहौर किले में लगाए गए सिख दरबार, गुरगश्त-ए-पंजाब में से लिया गया राम बाग का पुरातन नक्शा, महाराजा रणजीत सिंह, शहजादा खड़क सिंह, कंवर शेर सिंह, नौनिहाल सिंह, कश्मीर सिंह, पिशौरा सिंह, गुलाब सिंह, ध्यान सिंह डोगरा, राणी जिंद कौर एवं दलीप सिंह आदि की पानी एवं तेल वाले रंगों की बनी दुर्लभ तस्वीरों सहित महाराजा रणजीत सिंह की सुनहरी कुर्सी, कोहेनूर हीरे का माडल एवं अखरोड की लकड़ी की बनी कुर्सी भी शामिल की जाएगी।