उत्तर प्रदेश बना भाजपा का अभेद्य किला

कुछ ही समय में देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो जाएगी। उत्तर प्रदेश (यू.पी.) को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए कांटे की टक्कर होने की संभावना है, लेकिन उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों के नतीजे कुल मिलाकर लगभग तय ही लगते हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं से लेकर आमजन तक को भलीभांति यह पता है। कभी जंगलराज, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार से जूझने वाले उत्तर प्रदेश में अब भारी-भरकम निवेश हो रहा है। सात साल पहले उत्तर प्रदेश की गिनती बीमारु राज्यों में होती थी, लेकिन आज इस राज्य की पहचान देश के खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी होने लगी है। यह राज्य आज विकास की असीमित संभावनाओं के प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुका है। देश की जीडीपी में  हिस्सेदारी के मामले में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे अब नम्बर पर है। देश में सर्वाधिक जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या के मामले में भी आज उत्तर प्रदेश अव्वल है। राज्य में डिजिटल लेन-देन में एक साल में तीन गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। यही नहीं राज्य में डीमैट खातों की संख्या में भी सकारात्मक बढ़ोत्तरी हुई है।  आज अगर उत्तर प्रदेश में चौतरफा विकास हो रहा है तो इसका मुख्य श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है। यहां पर भाजपा का प्रदर्शन लगातार सुधर रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी जीत को दोहराया ही नहीं है, अपितु विपक्ष की राजनीतिक जमीन को लगातार कमजोर भी कर रही है। राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष के लिए कोई अधिक सम्भावनाएं नहीं हैं। 
योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश भाजपा का अभेद्य किला बनकर उभरा है । 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 64 सीटें अकेले अपने दम पर जीत ली थीं। इसी तरह वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अकेले ही उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से 225 सीटें जीत कर सत्ता में धमाकेदार वापसी की। अपने सहयोगियों के साथ भाजपा की सीटों का आंकड़ा 272 तक पहुंच गया। इस जीत ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को बहुत बढ़ा दिया है। अब लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश भाजपा की झोली भर देगा। 
 योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यू.पी. का नया फुल फॉर्म भी बताया। वह कहते हैं कि यू.पी. का मतलब है ‘अनलिमिटेड पोटेंशियल’ है।  विगत में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में मुख्यमंत्री योगी के अतिरिक्त प्रधानमंत्री मोदी भी लखनऊ में थे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘देश और दुनिया के उद्योग जगत ने हम पर और हमारी नीतियों पर विश्वास जताया। उत्तर प्रदेश को अब तक लगभग 40 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हो चुके हैं और आते ही चले जा रहे हैं। इन्ही प्रयासों को धरातल पर उतारने का आज उत्सव है। नया उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश से अब उद्यम प्रदेश बनकर भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित उत्तर प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। पिछले 7 वर्षों में यू.पी. में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं।’ 
उत्तर प्रदेश पर नज़र रखने वालों को पता है कि राज्य में निवेश तो आ ही रहा है। साथ ही सरकार की तरफ  से यह भी कोशिशें हो रही हैं कि कभी अपनी कपड़ा मिलों और मज़दूरों के लिए मशहूर रहे कानपुर को फिर से उसका पुराना गौरव मिल जाए। कानपुर में आईटी सेक्टर के अलावा इलेक्ट्रानिक सामान और आटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े उत्पादों का उत्पादन करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। कानपुर से देश के उत्तर, पूर्व तथा पश्चिमी राज्यों के बाज़ारों में पहुंचने की सुविधा है। कानपुर में  आटो और आटो पार्ट्स की अनेक इकाइयां खड़ी हो सकती हैं। चूंकि राज्य सरकार अपने यहां आने वाले निवेशकों को टैक्स में भी छूट दे रही है, इसलिए कानपुर में निजी क्षेत्र के निवेश का होना तय है। कुछ साल पहले तक किसने सोचा था कि उत्तर प्रदेश खेलों के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने लगेगा। याद कीजिये चीन के हांगझोऊ शहर में हुए एशियाई खेलों को। भारत के पदकों का शतक पूरा कराने में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है। एशियाई खेलों के महाकुंभ में पहली बार उत्तर प्रदेश से कुल 36 एथलीटों ने अपनी चमक दिखाई। इन खिलाड़ियों ने सात स्वर्ण, आठ रजत और आठ कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह पहला मौका था जब उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों की झोली में इतने सारे पदक आए। इससे पहले 2018 के जकार्ता और 2014 के इंचियॉन (दक्षिण कोरिया) में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने 11-11 पदक ही जीते थे। उत्तर प्रदेश की खेल राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मेरठ ज़िले के खिलाड़ियों ने सबसे चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है। एशियाई खेलों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 एथलीटों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इनमें से छह मेरठ जिले से हैं और चार ने दो स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं। बेशक, खेलों में उत्तर प्रदेश के बढ़ते कदम स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य को अब विकास का रास्ता मिल गया है। जिस राज्य में खेलों का स्तर सुधर रहा है, समझ लें कि उस राज्य का विकास हो रहा है। जिस उत्तर प्रदेश से कुछ साल पहले तक कोई सुकून भरी खबर आती ही नहीं थी, वहां से सुखद समाचार आ रहे है। उत्तर प्रदेश से अब हिंसा या गैंग वार की खबरें नहीं आती। अब वहां के सरकारी दफ्तरों में अयोग्य बाबुओं के लिए कोई जगह नहीं बची है। इस बदलाव के पीछे योगी आदित्यनाथ का कुशल नेतृत्व है।