अब कम क्यों आते हैं मेहमान परिंदे, प्रकृति प्रेमी चिंतित

बिजनौर, 23 दिसम्बर (भाषा) : सुबह का धुंधलका छंट रहा है, दूर-दूर तक ठहरे हुये शांत पानी पर सूरज की सुनहरी किरणें झर रही हैं और हजारों मील का सफर तय करके यहां आए परदेसी परिंदों के कलरव से फिजा में एक ऐसा मधुर संगीत गूंज रहा है, जो दुनिया के हर वाद्य से कहीं अधिक सुरीला है। यह किसी कवि की कल्पना या चित्रकार की रचना नहीं बल्कि बिजनौर बैराज के निकट हस्तिनापुर सेंचुरी में हैदरपुर झील पर उतरा नजारा है, जहां हर सुबह मेहमान पक्षी सूरज की लालिमा फैलते ही जल तरंगों पर नृत्य करके एक अलग ही समां बांध देते हैं। वैसे हर बरस जाड़ों में दिखाई देने वाला मेहमान परिंदों का यह मेला अब ज्यादा समय तक दिखाई नहीं देगा क्योंकि शिकार, जलवायु परिवर्तन की मार और जल राशियों के घटने से यहां आने वाले मेहमान परिंदों की संख्या हर गुजरते साल के साथ कम होती जा रही है और प्रकृति विज्ञानी इन समस्याओं से निजात पाने के लिए फिक्रमंद हैं। वन्यजीवनिधि संगठन  के संजीव यादव के अनुसार हैदरपुर झील शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के आवास के लिए आदर्श है क्योंकि यहां नदी, घास का मैदान, जंगल, दलदली जमीन और ऊथला पानी सब कुछ है।