नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज

जौनपुर , 24 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में जौनपुर के  सिविल जज (सीनियर डिवीजन) धनंजय मिश्र की अदालत में बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह एवं धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद सोमवार को दर्ज किया गया। परिवादी ने अदालत से नसीरुद्दीन शाह को तलब कर दंडित किए जाने का आग्रह किया है। परिवादी अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव का आरोप है कि नसीरुद्दीन शाह ने वेबसाइट पर दिए गए भड़काऊ बयान को मीडिया पर देख और सुनकर उनकी एवं गवाहों की भावनाएं आहत हुईं हैं। परिवादी की ओर से अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने अदालत में तर्क दिया कि नसीरुद्दीन भली-भांति जानते हैं कि उनके वक्तव्य का देश के नागरिकों पर बड़ा असर पड़ता है। उन्हें इस देश ने भरपूर प्यार व शोहरत दी। कई एवार्ड भी मिले। इसके बावजूद उन्होंने वेबसाइट पर वक्तव्य दिया कि देश के सामाजिक माहौल में काफी जहर फैल चुका है। हालात जल्दी सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। हिंदुस्तान में डर लगता है। फिक्र है कि कल उनके बच्चों को किसी भीड़ ने घेर लिया और पूछा कि वह हिंदू हैं या मुसलमान तो उनके पास जवाब नहीं होगा। इस देश में कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है।मीडिया में नसीरुद्दीन द्वारा यह वक्तव्य देकर परिवादी के अलावा अनीश श्रीवास्तव, शैलेश मिश्र, रवींद्र विक्रम, सूर्यमणि, बृजेश एवं देशवासियों के मन में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा एवं अवमान पैदा करने का प्रयास किया गया है जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है। एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। परिवादी ने आरोपी अभिनेता को तलब कर दंडित करने का कोर्ट से आग्रह किया। अधिवक्ता ने मीडिया के समक्ष कहा कि अभिनेता को दिए गए पद्म भूषण, पद्म श्री और राष्ट्रीय फिल्म एवार्ड वापस ले लिए जाने चाहिए।