रहस्यमय ढंग से बढ़ने वाला शिवलिंग

भवानी मंडी (राज.)  के डग क्षेत्र में पांच किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में हरे-भरे महकते जंगल में पहाड़ों की गोद में स्थित क्यासरा महादेव मंदिर में शिवलिंग की एक मूर्ति ऐसी भी है जो प्रति 12 वर्ष में एक इंच बढ़ती है। कभी यह मूर्ति मात्र एक सुपारी के आकार के बराबर थी। आज यह बढ़ते-बढ़ते साढ़े तीन फुट की हो गई है। आखिर इस बेजान पत्थर की मूर्ति बढ़ने के पीछे क्या रहस्य छिपा है। इसका पता आज तक किसी को नहीं चल सका है। यह मूर्ति सदियों से ही चमत्कार के लिए देश में प्रसिद्ध रही है। कहा जाता है कि यहां पर मनोकामना पूरी होती है।  इस शिवलिंग की प्राप्ति के पीछे भी एक कहानी है। द्वापर समाप्ति और कलियुग के प्रारम्भ के समय तत्कालीन शासक राजा जन्मेजय को अचानक कुष्ठ रोग हो गया था। राजा ने इस रोग का काफी इलाज करवाया लेकिन कोई सफलता न मिली। जब रोग दूर न हुआ तो राजा ने पूरे दिन अन्न-पानी का त्याग कर भगवान शंकर की कठोर तपस्या की। राजा ने जब अपने नेत्र खोले तो उनकी आंखों के समक्ष एक वृयोवद्ध सफेद दाढ़ी वाला साधु उपस्थित हुआ और बोला ‘तुम्हारा यह रोग दूर हो सकता है, यदि अपने शंकर की बात मानो तो।’
राजा ने पूछा, ‘महात्मा जी कौन-सी बात है?’ साधु ने बताया, ‘यहां से तुम दक्षिण में जाओ। वहां पर चतरसाल और वेरीपाल दो पहाड़ों के बीच एक छोटी सी नदी है। इस नदी में जाकर स्नान करो तो तुम्हारा कष्ट दूर हो जाएगा।’राजा ने नदी में स्नान किया तो तुरंत उसका कुष्ठ रोग दूर हो गया। इस चमत्कार से राजा अभिभूत हो उठा। उसने पानी में इस चमत्कार का रहस्य ढूंढने का प्रयास किया तो उसको सुपारी के आकार जैसा एक शिवलिंग प्राप्त हुआ। बाद में राजा ने इसी नन्हे से शिवलिंग का एक मंदिर बनवा कर स्थापित करवा दिया जो आज भी रहस्यमय ढंग से बढ़ रहा है। क्यासरा महादेव मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त पूजा-अर्चना करने हेतु यहां आते हैं।

- चेतन चौहान
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