‘लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ विरासत-ए-खालसा

चंडीगढ़, 11 जनवरी (अ.स.): पंजाब सरकार द्वारा खालसा की जन्मभूमि श्री आनंदपुर साहिब में बनाया गया विरासत-ए-खालसा अब देश का पहले नम्बर का म्यूज़ियम बन चुका है जिसकी पुष्टि ‘लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड ’ द्वारा की गई है। यह जानकारी पंजाब के पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा दी गई। सिद्धू ने बताया कि उनके विभाग द्वारा पूरी तन्मयता से पंजाब के सभ्याचार, विरासत व पंजाब, पंजाबी व पंजाबियत को सम्भालने का प्रयास किया है। यही कारण है कि आज पंजाब दुनियाभर के पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। पंजाब के लिए यह बेहद गर्व की बात है कि विश्वभर में अलग पहचान बना चुका विश्व प्रसिद्ध विरासत-ए-खालसा अब समूचे भारत में पहले स्थान पर आ गया है। यहां पर्यटकों की संख्या महज़ 7 वर्षों में अब तक 97 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है। उन्होंने बतायाकि विशेष बात यह है कि वर्ष 2018 में गत तीन वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक पर्यटक विरासत-ए-खालसा देखने आए हैं। इसी कारण लिमका बुक आफ रिकार्डज़ द्वारा श्री आनंदपुर साहिब में बने ‘विरासत-ए-खालसा’ को देश का सबसे अधिक देखा जाने वाला म्यूज़ियम माना गया है। लिमका बुक आफ रिकॉर्ड  के कार्यालय के अनुसार उनके द्वारा अपने फरवरी महीने में आने वाले एडीशन में इसे प्रकाशित करने की पुष्टि विभाग के पास कर दी गई है। सिद्धू द्वारा इसके पीछे सभी अधिकारियों व स्टाफ की कड़ी मेहनत के लिए मुबारकबाद भी दी। उन्होंने बताया कि विरासत-ए-खालसा की 27 गैलरियां हैं और इन गैलरियों में भी पंजाब के अमीर व गौरवमय 550 वर्षों की विरासत को बाखूबी पेश किया गया है। आंकड़ों बारे जानकारी देते हुए सभ्याचारक व पर्यटन विभाग के सचिव विकास प्रताप ने बताया कि वर्ष 2011 से लेकर अब तक 97.01 लाख पर्यटक विरासत-ए-खालसा के दर्शन कर चुके हैं जिनमें मुख्य तौर पर कनाडा के प्रधानमंत्री, मारीशस के राष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री सहित विभिन्न देशों के सांसद व राजदूत आदि म्यूज़ियम का दौरा कर बाकायदा तौर पर इसकी प्रशंसा कर चुके हैं। हाल ही में विरासत-ए-खालसा द्वारा बिजली के खर्च घटाने के लिए उठाए कदमों के साथ आए परिणामों की समीक्षा करते हुए पंजाब ऊर्जा विकास अथारिटी द्वारा एनर्जी कंज़र्वेशन अवार्ड भी विरासत-ए-खालसा को दिया गया है। गत वर्ष विरासत-ए-खालसा के मासिक बिजली के बिल में से 4 से 5 लाख रुपए की उल्लेखनीय बचत भी की गई है। विरासत-ए-खालसा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मलविंदर सिंह जग्गी ने बताया कि रोज़ाना औसतन 5262 से अधिक पर्यटक दर्शन करने के लिए आते हैं।