हाईकोर्ट ने जी.एन.डी.यू. को दिए एम.फिल रिलीज़ियस स्टडीज़ की दाखिला परीक्षा पुन: करवाने के आदेश

अमृतसर, 11 जनवरी (अ.स.) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर को आदेश जारी किए हैं कि वह पिछले वर्ष मई-जून में हुई एम.फिल रिलीज़ियस स्टडीज़ की दाखिला परीक्षा दोबारा ली जाए। हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष जी.एन.डी.यू. द्वारा करवाई गई प्रवेश परीक्षा रद्द कर दी है तथा एम.फिल में दाखिला ले चुके विद्यार्थियों का दाखिला रद्द कर दिया है। इस फैसले के साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन में हड़कंप मच गया है तथा इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा यूनिवर्सिटी को जवाब पेश करने में की देरी कारण 10 हज़ार रुपए जुर्माना भी किया जा चुका है। वर्णनीय है कि जी.एन.डी.यू. के ही गुरु ग्रंथ साहिब भवन में से एम.ए. कर चुकी छात्रा अवनीत कौर ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते मांग की थी कि उसने आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए जी.एन.डी.यू. में रिलीज़ियस स्टडीज़ विषय पर एम.फिल करने के लिए फार्म भरा था। यह कक्षा में दाखिला प्रवेश परीक्षा पास करने उपरान्त मिलता है। अवनीत कौर ने हाईकोर्ट में कहा कि विभाग के प्रमुख ने अपने अन्य चहेते छात्रों को दाखिला देने तथा स्वयं उनको दाखिला से दूर रखने के लिए प्रवेश परीक्षा सही तरीके से नहीं करवाई थी तथा इस परीक्षा के लिए एक से ज्यादा प्रश्न पत्र तैयार किए गए थे। उन्होंने बताया कि चहेते छात्रों को आसान प्रश्न पत्र जबकि अन्य छात्रों को दाखिला से वंचित रखने के लिए और प्रश्न पत्र सौंपे गए थे। इस याचिका पर जब यूनिवर्सिटी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया तो हाईकोर्ट ने जवाब देने में की देरी कारण 10 हज़ार रुपए जुर्माना भी कर दिया। यही नहीं विभाग के प्रमुख डा. अमरजीत सिंह ने यूनिवर्सिटी के वकील पर भरोसा न जताते अपना स्वयं का वकील अदालत में खड़ा किया था। डा. अमरजीत सिंह द्वारा पेश हुए वकील द्वारा दी गई दलील पर याचिकाकर्ता के वकील ने सहमति जताई। विभाग प्रमुख के वकील ने अदालत में स्वयं माना कि प्रवेश परीक्षा के लिए दो प्रश्न पत्र तैयार किए गए थे परन्तु इसके पीछे मंशा गलत नहीं थी। इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस महेश ग्रोवर तथा जस्टिस ललित बत्रा ने टिप्पणी करते कहा कि अदालत को यह महसूस हो रहा है कि इस तरह से यह प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं उससे विद्यार्थियों के मनों में रोष पैदा हो गया था। उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले वर्ष ली गई दाखिला परीक्षा को रद्द करते नए सिरे से यह परीक्षा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि जिन छात्रों ने पिछले वर्ष रिलीज़ियस स्टडीज़ की एम.फिल में दाखिला लेने के लिए परीक्षा दी थी उन सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा के लिए सूचित किया जाए तथा परीक्षा संबंधी जारी जानकारी यूनिवर्सिटी की वैबसाइट पर डाली जाए। हाईकोर्ट के इस फैसले से एम.फिल में दाखिला ले चुके छात्रों का दाखिला रद्द हो गया तथा उनको अब दाखिला लेने के लिए दोबारा परीक्षा में बैठना पड़ेगा।