नए डीजीपी के चयन तक पद पर बने रहेंगे सुरेश अरोड़ा

चंडीगढ़, 18 जनवरी (हरकवलजीत सिंह): सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य के डीजीपी की चुनाव प्रक्रिया संबंधी  लिए फैसले के बाद पंजाब सरकार द्वारा भी राज्य के नये डीजीपी के चयन संबंधी अपने मौजूदा 9 डीजीपी स्तर के अधिकारियों का पैनल केन्द्र सरकार को भेजे जाने के लिए गए फैसले के कारण मौजूदा डीजीपी सुरेश अरोड़ा जिनके कार्यकाल में केन्द्र सरकार द्वारा 30 सितम्बर 2019 तक वृद्धि की गई है, के भविष्य संबंधी अटकलों का बाज़ार चाहे आज गर्म रहा, लेकिन पता चला है कि राज्य सरकार नये डीजीपी की चयन प्रक्रिया पूरी होने तक श्री अरोड़ा को उनके वर्तमान पद पर बरकरार रखना चाहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार राज्य सरकारों को कहा गया है कि वे नये डीजीपी की चयन प्रक्रिया सेवामुक्त होने वाले डीजीपी की सेवानिवृत्ति से 12 सप्ताह पहले शुरू करे, लेकिन राज्य सरकार के लिए मुख्य समस्या यह होगी कि अगर राष्ट्रीय लोक सेवा आयोग कमिशन राज्य सरकार को पैनल भेजने के लिए ज़रूरी समय लेता है तो उसके होते हुए लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लग जाएगी तथा देश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसके होते राज्य सरकार का नये डीजीपी की नियुक्ति संबंधी अधिकार चयन प्रक्रिया खत्म होने तक निलंबित हो जाएगा तथा चयन प्रक्रिया दौरान कोई भी ऐसी नियुक्ति चुनाव आयोग द्वारा की जा सकती है। उच्च सरकारी सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार यह भी नहीं चाहती कि नये डीजीपी की चयन प्रक्रिया पूरी होने से पहले वर्तमान डीजीपी सुरेश अरोड़ा को फारिग किया जाए, जिनके पास अब बदली  परिस्थितियों में 30 सितम्बर 2019 तक का कार्यकाल है। सूचना के अनुसार डीजीपी सुरेश अरोड़ा जिन्होंने कल सायं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ उनके निवास स्थान पर बैठक की थी, द्वारा मुख्यमंत्री को स्पष्ट कर दिया था कि वह राज्य से पुलिस प्रमुख उस समय बने रहना चाहेंगे, जब तक मुख्यमंत्री की इच्छा होगी। लेकिन राज्य सरकार का यह भी मानना है कि नये डीजीपी की चयन प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य में डीजीपी का पद खाली भी नहीं रखा जा सकता। इसी दौरान पता चला है कि राज्य सरकार द्वारा डायरैक्टर जरनल पुलिस स्तर जिन 9 अधिकारियों के नाम में से 3 सदस्य के पैनल के चयन के लिए राष्ट्रीय लोक सेवा आयोग को सिफारिश भेजी गई है उसमें 1984 बैच के सुमंत गोयल, 1985 बैच के मोहम्मद मुस्तफा, हरदीप सिंह ढिल्लों, 1986 बैच के जसमिन्द्र सिंह तथा एस. चट्टोपाध्याय, 1987 बैच के दिनकर गुप्ता, सीएसआर रैड्डी, एम. तिवारी तथा बी.के. बावरा के नाम शामिल हैं लेकिन सुमंत गोयल जिनकी 31 मई 2020 को सेवानिवृत्ति है, के पास दो वर्ष का समय नहीं तथा इसी तरह स. हरदीप सिंह ढिल्लों 31 मार्च 2019 तथा जसमिन्द्र सिंह 31 अगस्त 2019 सेवानिवृत्त हुए हैं लेकिन राज्य के पास 2 से अधिक के सेवाकाल उपलब्ध सबसे वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा की सेवानिवृत्ति 2021, चट्टोपाध्याय की मार्च 2022 तथा दिनकर गुप्ता की मार्च  2024 में सेवानिवृत्ति है। सूचना के अनुसार राज्य के गृह विभाग द्वारा उक्त 9 डीजीपी स्तर के अधिकारियों का वर्तमान रिकार्ड इकट्ठा करके अगले सप्ताह राज्य के लिए डीजीपी के पैनल के चयन के लिए राष्ट्रीय लोकसेवा आयोग को भेज दिए जाने की संभावना है।