भारत में  बना  डियागो माराडोना की याद में अजायब घर

गत वर्ष सदा के लिए बिछुड़ चुके विश्व के महान फुटबालर डियागो माराडोना के साथ जुड़ी यादों को संभालने के लिए प्रत्येक फुटबाल प्रेमी अपने-अपने ढंग से यत्नशील हैं। भारत के राज्य केरला के शहर कनूर के एक होटल मालिक ने माराडोना के दौरे से जुड़ी यादों को अजायब घर में तबदील कर दिया है। माराडोना के प्रशंसकों द्वारा विश्व भर में किया जाने वाला यह अभी तक पहला प्रयास है। 2012 में अर्जेंटीना के महान फुटबाल खिलाड़ी डियागो माराडोना ने किसी आभूषणों के उत्पाद के प्रचार के लिए केरला के शहर कनूर का दौरा किया था, जिस दौरान उनके रहने का प्रबंध व्लू नील होटल में किया गया। माराडोना इस होटल के कमरा नम्बर 309 में ठहरे थे और उनकी मौत के बाद होटल मालिक वी. रविन्द्रन ने अपने होटल के कमरे को ‘माराडोना सूट’ के नाम से अजायब घर में तबदील कर दिया जिसमें कनूर दौरे के दौरान माराडोना द्वारा प्रयोग की गई वस्तुओं को संभाल कर रखा गया है। होटल मालिक ने गत दिनों इस समारोह करके अपने होटल के कमरे को ‘माराडोना सूट’ के नाम से अजायब घर  के रूप में स्थापित कर दिया। रविन्द्रन ने माराडोना के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए किये उक्त प्रयास के बारे कहा है कि उन्होंने फुटबाल जगत की महान शख्सियत और मूर्त को सदा के लिए याद रखने का यत्न किया है। 
डियागो माराडोना की कनूर के होटल ब्लू नील में पहुंचने की दस्तान रविन्द्रन बहुत ही भावुक ढंग से बताते हैं। रविन्द्रन का कहना है कि माराडोना के दौरे से पहले प्रबंधकों ने उन्हें नहीं बताया कि माराडोना ने उनके होटल में ठहरना है सिर्फ किसी वीआईपी के आने के बारे बताया था। इस संबंधी उन्होंने सुरक्षा कर्मियों और प्रबंधकों के साथ मिल कर मेज़बानी के लिए 6 महीने पहले ही प्रबंध शुरू कर दिये थे, परन्तु हमें एकाएक मौके पर ही पता चला कि वीआईपी माराडोना हैं।   जिस समय माराडोना ने उनके होटल में पांव रखा तो उनकी (स्टाफ और दोस्तों) हैरानी की कोई सीमा नहीं रही और उन्हें इस तरह लगा परमात्मा स्वयं चल कर उनके होटल में आ रहे हैं। 
माराडोना 23 अक्तूबर, 2012 को कोज़ीकोड हवाई अड्डे पर उतरे और एक चार्टर हैलीकाप्टर के द्वारा कनूर पहुंचे। उनके पहुंचने पर रविन्द्रन ने होटल स्टाफ की ओर से एक गुलदस्ता भेंट किया और साथ ही एक सुनहरी शाल देकर सम्मानित किया। माराडोना के सचिव और ट्रांस्लेटर के माध्यम से  जैसे ही माराडोना से रविन्द्रन की जान-पहचान करवाई गई तो माराडोना ने हाथ मिलाने की अपेक्षा रविन्द्रन को गले लगा लिया। 
होटल के कमरे में पहुंचने के बाद माराडोना को पानी पेश करने के उपरान्त खाने का मीनू दिया गया था। रविन्द्रन कहते हैं कि माराडोना को रूसी सलाद बहुत पसंद था। रविन्द्रन के स्टाफ द्वारा कमरे सहित अन्य सुविधाओं से माराडोना को पूरी तरह प्राकृतिक माहौल देने की कोशिश की गई थी जिसके तहत माराडोना के परिवार की तस्वीरें कमरे में सजाई गईं। माराडोना इस होटल में शाम तक ठहरे। माराडोना ने अपने इस दौरे के दौरान जवाहर लाल स्टेडियम में अपना 52वां जन्मदिन भी मनाया था और 25 किलो का केक भी काटा था। 
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