लंदन के क्रॉउन म्यूजियम में रखा है भारत का नायब कोहिनूर हीरा

लंदन टावर भी अजब गजब है। नाम जरूर लंदन टावर है मगर है ब्रिटेन की महारानी का शाही महल जिसे किला भी कहा जाता है। शाही जवाहरात यहीं सुरक्षित रखे गए हैं। इनमें भारत का बेशकीमती हीरा कोहिनूर भी है। लंदन आने के बाद एक भारतीय नागरिक होने के नाते मेरी प्रबल इच्छा थी एक बार इस बहुचर्चित हीरे का प्रत्यक्ष रूप से दीदार कर लिया जाये। यह हीरा लंदन टावर के नाम से मशहूर ब्रिटेन की महारानी के ऐतिहासिक किले में स्थापित क्राउन म्यूजियम में शाही जवाहरात के साथ रखा गया है। इस म्यूजियम को देखने के लिए रोज ही भारी भीड़ उमड़ती है। यहीं पर शाही परिवार के जवाहरात, स्वर्ण जड़ित वस्त्र और तलवारें आदि रखी है।  इसी भीड़ में लाइन में लगकर भारी उत्सुकता के साथ म्यूजियम में रखी एक-एक चीज को देखते हुए रानी का ऐतिहासिक ताज देखा जिसमें कोहिनूर जड़ा था। 
कोहिनूर हीरे का भारत से भावनात्मक लगाव है। मूल रूप से यह नायब हीरा भारत का है। बताया  जाता है आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा खनन क्षेत्र में निकला था कोहिनूर। कोहिनूर के बारे में पहली जानकारी 1304 के आसपास की मिलती है, तब यह मालवा के राजा महलाक देव की संपत्ति में शामिल था। कई देशों और शासकों के पास होता हुआ अंततोगत्वा, 1 जून,1813 को शेर-ए-पंजाब के नाम से विख्यात महाराजा रणजीत सिंह को कोहिनूर प्राप्त हो गया। बाद में अंग्रेजों ने षड्यंत्रपूर्वक इसे इसके आखिरी स्वामी और रणजीत सिंह के वारिस  पंजाब के राजा दिलीप सिंह से हथिया कर इसे महारानी विक्टोरिया के ताज में जड़ दिया गया।
 105 कैरेट का यह अमूल्य हीरा जिस मुकुट में लगा है, उसे लंदन टावर में प्रदर्शनी में रखा गया है। आजादी के बाद भारत ने कई बार इस पर अपना हक जताया मगर ब्रिटेन ने स्वीकार नहीं किया। वर्तमान मोदी सरकार भी चाहती थी कि ब्रिटेन हीरा भारत को लौटा दे। यह प्रकरण सर्वोच्च न्यायलय तक पहुंचा, परन्तु न्यायालय ने इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।  मो.- 9414441218