यूक्रेन युद्ध : एक वर्ष में सर्वाधिक प्रभावित हुई यूरोपीय अर्थव्यवस्था

24 ख्ब्फरवरी, ख्ख्फ् को रूस-यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूरा हो गया है। यह युद्ध अभी भी जारी है। रूस के पास परमाणु हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है, बैलिस्टिक मिसाइलों का दूसरा सबसे बड़ा बेड़ा है और यूक्रेन की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक सैन्य कर्मी हैं। किसी भी अनुमान से युद्ध रूस के पक्ष में ही खत्म हो जाना चाहिए था परन्तु अमरीका और उसके सहयोगियों के सहयोग से यूक्रेन ने लड़ाई जारी रखी हुई है।
रूस की सैन्य ताकत को अमरीका, यूरोपीय संघ, जापान और ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक ताकत ने चुनौती दी तथा रूसी अर्थव्यवस्था की ओर आर्थिक प्रतिबंध निर्देशित किये गये। प्रतिबंधों के कारण रूस का करीब फ् अरब डॉलर का सोना और विदेशी मुद्रा भंडार फ्रीज़ हो गया है। अमरीका और उसके सहयोगियों द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध अभी भी जारी है। स्विट विाीय लेनदेन प्रसंस्करण प्रणाली तक रूसी पहुंच रोक दी गयी है। कई बहुराष्ट्रीय कपनियों ने रूस में अपना कारोबार बंद कर दिया है।
अमरीका और उसके सहयोगियों को लगा कि रूस आर्थिक रूप से चरमरा जायेगा। लगभग ख् ट्रिलियन डॉलर के बाज़ार आकार (जीडीपी) के साथ रूसी अर्थव्यवस्था अमरीका और उसके सहयोगियों की तुलना में फ् ट्रिलियन डॉलर से अधिक के संयुत बाज़ार आकार की तुलना में मामूली है। न तो यूक्रेन और न ही रूस पीछे हटने के संकेत दे रहा है। वास्तव में रूसी अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन के संकेत मिल रहे हैं। चीन और भारत जैसी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। वास्तव में चीनी और भारतीय मूल की कपनियों ने रूस से व्यापार करना और विस्तार करना जारी रखा हुआ है। चीन और भारत के अलावा रूस का अफ्रीका और लैटिन अमरीका के देशों के साथ व्यापार जारी है। पश्चिम के प्रतिबंधों का रूस पर बहुत कम प्रभाव पड़ता दिख रहा है। इसलिए यह देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि रूसी रूबल ने पिछले साल जून के महीने में सबसे अधिक मज़बूती दिखायी। मुद्रास्फीति भी कम है। रूस में वार्षिक मुद्रास्फीति की दर दिसबर ख्ख्ख् में गत माह के क्ख् प्रतिशत से गिरकर क्क्.- प्रतिशत हो गयी थी।
इस बीच यूरोप में विकास दर गिर रही है, नौकरियां मुश्किल से मिल रही हैं और मुद्रास्फीति की दर आसमान छू रही है। दिसबर ख्ख्ख् तक यूरोप में मुद्रास्फीति की दर क्.ब् प्रतिशत रही। लातविया, लिथुआनिया, हंगरी, एस्टोनिया, चेकोस्लोवाकिया और पोलैंड जैसे कुछ देशों में क्भ् प्रतिशत से अधिक मुद्रास्फीति दर देखी गई। युद्ध शुरू होने से पहले यूरोप में कुल ऊर्जा (विशेष रूप से प्राकृतिक गैस) मांग का लगभग ब् प्रतिशत भाग रूस द्वारा पूरा किया गया था। रूस पर प्रतिबंधों ने प्राकृतिक गैस और तेल की आपूर्ति को प्रभावित किया है। इसका एक विकल्प महंगी अमरीकी ऊर्जा (प्राकृतिक गैस और गैसोलीन दोनों) है, जिसका अर्थ है कि यूरोप को और अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
इसका मतलब यूरोपीय सरकारों के लिए एक गंभीर बजट घाटा है। उच्च बजट घाटे को तभी बनये रखा जा सकता है जब अर्थव्यवस्था बढ़ रही हो। यूरोज़ोन में आर्थिक विकास लगातार गिर रहा है। सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सरकारी ऋण ख्क्- में त्त्फ्.त्त् प्रतिशत से बढ़कर ख्ख्ख् में -म्.ब् प्रतिशत हो गया। चल रहा युद्ध उच्च ऊर्जा और खाद्य कीमतें घाटे को ख् प्रतिशत तक और बढ़ा सकता हैै। दो अन्य कारक यूरोप के खिलाफ  जा रहे हैं। सबसे पहले जलवायु परिवर्तन है। पिछले साल यूरोप के कुछ हिस्सों में अत्यधिक गर्मी, सूखे और बाढ़ के कारण फसल की पैदावार कम हुई और कीमतों में बढ़ोतरी हुई। यूके पर्यावरण एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्याज, चीनी चुकंदर, सेब और ज़रूरी फसलों के उत्पादन में क् से भ् प्रतिशत के बीच गिरावट आने की उमीद है। धीमी जीडीपी वृद्धि, युद्ध और उच्चतर ऊर्जा कीमतें यूरो ज़ोन क्षेत्र में कर वसूली को बढ़ाना मुश्किल बना रही हैं। सरकार के पास पेंशन व अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए कम पैसा है और इसलिए बजट घाटा बढ़ाने के लिए उधार लेने की ज़रूरत है।
अमरीका में मुद्रास्फीति में कमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। जून ख्ख्ख् में मुद्रास्फीति की दर -.क् प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी थी, जो पिछले ब् वर्षों के दौरान सबसे अधिक दर्ज की गयी थी। यह वर्तमान में लगभग म्.भ् प्रतिशत है जो कि ख् प्रतिशत के लक्ष्य से बहुत अधिक है और यह सब फेडरल रिज़र्व द्वारा बार-बार दरों में बढ़ोतरी करने के बावजूद है।विा वर्ष ख्ख्फ् के लिए रक्षा बजट को बढ़ाकर त्त्भ्स्त्र बिलियन डॉलर कर दिया गया है, जो अर्थव्यवस्था के लिए आवंटित कुल बजट के एक तिहाई से अधिक है। दूसरी ओर अमरीका और यूरोप में वास्तविक मजदूरी दरों में गिरावट आयी है। इससे श्रमिक आंदोलनों में वृद्धि हुई है। चीन और भारत की बदौलत रूस की अर्थव्यवस्था को युद्ध के बीच बल मिला हुआ है । (संवाद)