अजयपाल सिंह बंगा ने बढ़ाया पंजाब का गौरव अमरीका द्वारा विश्व बैंक के प्रमुख के रूप में नियुति

एक गुरसिख अजयपाल सिंह बंगा का विश्व बैंक के प्रमुख के तौर पर मनोनयन साधारण बात नहीं है, यह एक योग्यता, काबलियत और समर्था की परख भी है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थ विज्ञान के केन्द्र में डा. मनमोहन सिंह के बाद ऐसे प्रतिष्ठित पद पर अपने आप को काबिल बनाकर उन्होंने पंजाबी, सिखी और खास तौर पर दस्तार का समान बहुत बढ़ाया है। अमरीका के राष्ट्रपति 'जो बाइडन' की इस मनोनयन के समय की गई टिप्पणियां भी इस महान सिख किरदार के ओर ध्यान खिंचती हैं। बाइडन ने कहा कि इतिहास के इस नाज़ुक दौर में विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए अजयपाल सिंह बंगा जैसे योग्य व्यतियों की ज़रूरत थी और यह मनोनयन विश्व की आर्थिक और ऋण अवस्था में अच्छे सुधार करेगा। विश्व इस समय बहुत गभीर दौर में से गुज़र रहा है और अजयपाल सिंह बंगा का अनुभव हम सभी के लिए लाभदायक साबित होगा योंकि उन्होंने पिछले तीन दशकों में ग्लोबल कपनियां बनाने के लिए कुशल प्रबंध किये हैं जो नौकरियां देते हैं और विकासशील अर्थ-व्यवस्थाओं में निवेश प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बुनियादी तबदीली के दौर में अजयपाल सिंह बंगा नई दिशा देने के समर्थ हैं। वास्तव में विश्व बैंक का अध्यक्ष रिवायती तौर पर चुना गया अमरीका का एक नागरिक ही होता है और पंजाब में जन्में, हैदराबाद और अहमदाबाद में पढ़े एक सफल अमरीकी अर्थ-शास्त्री मास्टर कार्ड के पूर्व प्रमुख अजयपाल सिंह बंगा को विश्व की महाशति अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगले अध्यक्ष के तौर पर मनोनीत किया है तो इस आशा और विश्वास से कि वह इस विश्व विकास संस्था को नया आकार देने और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए समर्थ हैं और विश्व के लिए एक इतिहास बनाने के योग्य हैं। अमरीकी प्रशासन के लिए अजयपाल सिंह बंगा की वर्णनीय सेवाएं हमेशा ध्यान खिंचती रहती हैं। इसी कारण पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने शासन काल में अजयपाल सिंह बंगा को भारत में अमरीका का एबैस्डर बनाकर भेजने के इच्छुक थे लेकिन उन्होंने इस राजनीति पद को स्वीकृत नहीं किया। देखा जाये तो विश्व बैंक के अध्यक्ष के तौर पर अजयपाल सिंह बंगा का नामांकन कई पक्ष से विचारयोग्य है। इस समय धरती पर मौसमी जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे विश्व को अति सुचेत करने की ज़रूरत है और ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों के हल करने के लिए स. बंगा के आर्थिक स्त्रोतों को जुटाने की योग्यता का लाभ लेना प्रमुख था योंकि उन्होंने कहा था कि लाखों हैटेयर जंगलों को हर साल लगती आग के कारण गलेशियर बड़े स्तर पर पिघल रहे हैं जो विश्व तापमान की तबदीली का मुय कारण बन रहे हैं। मास्टर कार्ड का प्रमुख होते हुए उन्होंने अपनी चिंता के ये संकेत दिये थे कि जलवायु की स्थिरता के लिए हमें लोक लहर बनाने की ज़रूरत है और बाइडन ने अजयपाल सिंह बंगा की इस दृष्टि को देखते और डोनल्ड ट्रंप द्वारा नियुत बैंक के मौजूदा मुय डेविड मालपास जिन्होंने जलवायु तबदीली से यह कह कर छुटकारा पा लिया था कि 'मैं विज्ञान का विद्यार्थी नहीं हूं', से बाइडन प्रशासन को निराशा मिली थी। अब बहुत सी उमीदों का दीप अजयपाल सिंह बंगा के रूप में जागता दिखाई देने लगा है। दूसरी तरफ अजयपाल सिंह बंगा को अर्थ-शास्त्री, अर्थ-विज्ञानी और विाीय विशेषज्ञ के तौर पर इस कारण भी जाना जाता है योंकि मास्टर कार्ड के सी.ई.ओ. होने के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कपनी का राजस्व तीन गुणा किया, वास्तविक आमदन में म् गुणा बढ़ोतरी और मार्किट में हिस्सेदारी फ् मिलियन से फ् मिलियन तक की थी। तब कपनी के प्रमुख केन मोइलस ने टिप्पणी की थी कि मास्टर कार्ड में अजयपाल सिंह बंगा का एक विश्वसनीय रिकार्ड है और कपनी के विाीय पक्ष से  वह सबसे बड़ी समानित शसियत है। ऐसे ही कारण हैं जिन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन को, अजयपाल सिंह बंगा को विश्व बैंक का प्रमुख स्थापित करने के लिए मजबूर किया।
नैस्ले कपनी के लिए प्रबंधक के तौर पर, एक फुटबाल लब के लिए लगातार हिस्सेदारी की मालिक निवेश होल्डिंग कपनी एैसोर के चेयरमैन के रूप में, सिंगापुर की सरकारी मलकीयत वाली स्वतंत्र कपनी के निर्देशक के तौर पर सेवाएं निभा चुके अजयपाल सिंह बंगा इस समय अमरीका की एक प्राइवेट कपनी एविटी समूह के लिए सेवाएं दे रहे हैं। वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए सही दिशा में काम करते उन्हीं का ही यत्न था कि वर्ष ख्ख् में उन्होंने मास्टर कार्ड के वायदे मुताबिक क् मिलियन वृक्ष लगाने की मुहिम को वास्तविक रूप दिया।
विश्व बैंक के मौजूदा प्रमुख डेविड मालपास के कार्यकाल में एक साल रहते ही जून में पद छोड़ने का फैसला उनके द्वारा जलवायु एजेंड़े पर ध्यान न देने के कारण और मौसम के साथ जुड़े विशेषज्ञों के हितों की तर्जमानी न कर सकना था। विश्व भाइचारे में बहुत से अर्थ-शास्त्री इस प्रमुख विाीय संस्था वर्ल्ड बैंक के काम करने के तरीके में बदलाव के लिए दबाव भी बना रहे थे। यह संस्था जलवायु परिवर्तन, भोजन सुरक्षा और कोरोना वायरस जैसे उभर रहे ग्लोबल संकट को हल करने के समर्थ हो, यह विचारधारा भी उभर रही थी। यह सब कुछ अजयपाल सिंह बंगा के नेतृत्व में ही संभव हो सकता है, इसी आधार पर सहमति बनती नज़र आ रही है। म्फ् वर्षों के अजयपाल सिंह बंगा की पृष्ठभूमि पंजाब के ज़िला शहीद भगत सिंह नगर में पड़ते गांव सूरापुर से जुड़ती है, जो पहले ज़िला जालन्धर का हिस्सा होता था। वह सैनी भाइचारे से संबंधित हैं। वह सैन्य अधिकारी पिता स. हरभजन सिंह बंगा और माता जसवंत कौर बंगा के पुत्र हैं। रितू बंगा से विवाह के बाद उनके दो बच्चे हैं अदिति बंगा और जोजो बंगा। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उनको पदमश्री देकर समानित भी किया था।
यह आशा बनी है कि मध्यम आय वाले देशों के लिए, जलवायु एजेंडे के लिए अजयपाल सिंह बंगा के नेतृत्व में 'ग्रीन ऊर्ज़ा' की तरफ जाने के लिए उपलध स्त्रोतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ अन्य बदलाव भी देखने को मिलेंगे। वह अमीर और गरीब देशों के बीच की दरार दूर करने की कड़ी का हिस्सा भी बनेंगे।
अजयपाल सिंह बंगा बहुत मिलनसार इन्सान है, वह संगीत के प्रेमी हैं, घर से कार्यालय तक गाड़ी में शबद कीर्तन सुनते हैं, वैसे जैज़ से लेकर एलबस प्रिंस और लेडी गागा तक के संगीत के भी प्रेमी हैं।
अजयपाल सिंह बंगा का विश्व बैंक के प्रमुख के तौर पर मनोनयन विश्व भर में रहते लोगों के लिए जलवायु और पर्यावरण में सुधारों के लिए नये लक्ष्य के उद्देश्य की पूर्ति है साथ ही पंजाबियों, सिख कौम के लिए उन्होंने अपनी काबलियत के साथ बड़ा समान व रुतबा प्राप्त किया है और दस्तार का समान विश्व स्तर पर और बड़ा हुआ है॥