क्या मोदी सरकार लगा पाएगी जीत की हैट्रिक ?

नरेन्द्र मोदी के आगामी लोकसभा चुनावों में ‘400 पार’ के दावों पर सियासी क्षेत्रों में कुछ शंका और मतभेद हो सकता है, मगर इस बात पर सभी राजनीतिक समीक्षक और सर्वे एजेंसियां एक मत है कि अगली सरकार एक बार फिर मोदी ही बनाएंगे और भाजपा का हैट्रिक का सपना पूरा होगा। लोकसभा चुनाव से पूर्व अनेक खबरिया चैनलों के ओपिनियन पोल को देखें तो सभी ने अगले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत की भविष्यवाणी कर दी है। खास बात यह भी है कि किसी भी सर्वे में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को सरकार बनाते नहीं देखा गया है। सर्वे में यह ज़रूर रेखांकित किया गया है कि जहां उत्तर भारत में भाजपा बहुत आगे है, वहीं दक्षिण में पीछे है। मगर आंध्र, उड़ीसा और कर्नाटक में राजग को काफी मजबूत बताया जा रहा है। 
देश में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। चुनावी घोषणा के साथ ही आदर्श अचार संहिता लागू हो जाती है। इसके साथ ही सभी प्रकार के ओपिनियन पोल और सर्वे आदि पर रोक लग जाती है। लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में तेज़ी ला रहे हैं। इस दौरान चुनावी सर्वेक्षणों की बहार भी आ जाती है। निर्वाचकों और मतदाताओं से बातचीत कर विभिन्न राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की जीत हार के पूर्वानुमानों के आकलन की प्रक्रिया चुनावी सर्वे कहलाती है। मुख्य तौर पर ओपिनियन पोल सर्वे चलन में है। इसमें क्वेश्चनॉयर तैयार कर सर्वे टीम घर-घर जाती है। बाद में मतदाताओं के जवाब के आधार पर परिणाम निकाला जाता है।  
एक  न्यूज चैनल के हालिया सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी देश और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए है। मोदी के आस पास भी कोई नेता नहीं फटक रहा है। देश के एक खबरिया चैनल ने सी वोटर जैसी नामी गिरामी एजेंसी के जरिये आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ओपिनियन पोल कराया। एक अन्य सी वोटर के सर्वे के मुताबिकए एक बार फिर देश में  भाजपा सरकार बनने का अनुमान है। इसी भांति एक अन्य चैनल ने मेगा ओपिनियन पोल के मुताबिक राजग सरकार बनने की प्रबल सम्भावना है। ओपिनियन पोल में राजग की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की गई है। इससे पूर्व एक अन्य सर्वे में भी मोदी सरकार के रिपीट होने की बात कही गई थी। पिछले माह हुए एक ग्रुप ने सी वोटर के मूड ऑफ  द नेशन सर्वे में बताया गया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन 335 सीटों के साथ सत्ता में लौटने जा रहा है। इस सर्वे पर कांग्रेस सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता आग बबूला हो रहे है। मीडिया के विरुद्ध आरोप लगाए जाने लगे हैं।
आजकल सर्वे की बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है। जिसे चाहे वह सर्वे करवा रहा है। आखिर यह सर्वे है क्या, इसकी जानकारी जनसाधारण को होनी बहुत ज़रुरी है। सीधे शब्दों में बात करें तो किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी या किसी भी विषय पर लोगों की मन की बात जानने के लिए लोगों के बीच में सर्वे किया जाता है जिससे कि वहां के समाज के लोगों की क्या स्थिति है, और वहां पर क्या चल रहा है, उन सभी का पता चल जाता है। कुल मिलकर लोगों के मन की बात सर्वे के दौरान जानने की चेष्टा की जाती है। सर्वे शत प्रतिशत सही हो इसका दवा नहीं किया जा सकता। फिर भी सर्वे के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। सर्वेक्षण एक शोध पद्धति है जिसका उपयोग रुचि के विभिन्न विषयों में जानकारी और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए उत्तरदाताओं के पूर्वनिर्धारित समूह से डेटा एकत्र करने के लिए किया जाता है। उनके कई उद्देश्य हो सकते हैं, और शोधकर्ता इसे चुनी गई कार्यप्रणाली और अध्ययन के लक्ष्य के आधार पर कई तरीकों से संचालित कर सकते हैं। सही सर्वेक्षण उपकरण का उपयोग करके लक्षित आबादी के लिए सामाजिक अनुसंधान के लाभों को समझना आवश्यक है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आजकल चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने लगा है। चुनावी सर्वे करने वाली विभिन्न संस्थाओं से मिलकर किये जाने वाले सर्वेक्षणों में मतदाताओं का मूड जानने का प्रयास कर सटीक आकलन किया जाता है। कई बार ये सर्वे वास्तविकता के नजदीक होते हैं तो कई बार फेल भी हो जाते हैं। इसी के साथ खबरिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की साख दांव पर लग जाती है। 

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