सरदार पटेल के सपनों को साकार कर रही है मोदी सरकार
भारत की आज़ादी के समय ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अंग्रेजों के जाते ही भारत के टुकड़े हो जाएंगे, क्योंकि भारतीय नेता अयोग्य हैं और वे सत्ता के लिए लड़ेंगे। लेकिन इसके विपरीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने पूरे देश को एकजुट किया और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उसी ब्रिटेन को पछाड़ दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश 31 अक्तूबर को लौह पुरुष सरदार पटेल की 149वीं जयंती मनाने जा रहा है। विविधता में एकता के सिद्धांत तथा एक मजबूत, एकजुट राष्ट्र की रक्षा, जिसका सरदार पटेल ने हमेशा समर्थन किया था, भारतीय संविधान और भारतीय राज्य की अवधारणा का केन्द्र बने हुए हैं।
सरदार पटेल के नेतृत्व की विशिष्टता उनके विवेकपूर्ण चरित्र में निहित थी। वह अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक के दोहरे मापदंड को दरकिनार कर सभी के साथ एक समान नागरिक की तरह व्यवहार करना चाहते थे। भारत की संविधान सभा में बोलते हुए, सरदार पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ‘यह भूल जाना सभी के हित में होगा कि इस देश में कोई बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक जैसी चीज है और भारत में केवल एक ही समुदाय है।’
लेकिन दुख की बात यह है कि आज़ादी के बाद दशकों तक तुष्टिकरण की राजनीति के कारण सरकारी नीतियां राजनीतिक लाभ के लिए विशेष वर्गों को ध्यान में रखकर बनाई गईं। तुष्टिकरण की यह राजनीति भारत की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा बन गई और इसने देश की एकता को भी खतरे में डाल दिया क्योंकि अल्पसंख्यकों को लगभग 65 वर्षों तक भारत में अलगाव का सामना करना पड़ा और आर्थिक विकास और शिक्षा के मामले में पीछे रह जाने की अपनी नियति को स्वीकार करना पड़ा।
बेहतरी के लिए बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में चीजें बेहतर हुई हैं, हालात सुधरे हैं। उन्होंने भारत को आगे बढ़ने और विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए ‘एकता, शांति और सद्भाव’ को मूल आधार बना दिया है। वोट बैंक की राजनीति के कारण विकास की यात्रा में पीछे छूट गए सभी लोगों को राहत देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याणकारी योजनाओं को लागू करते समय एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाया है। तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठते हुए, सबका साथ, सबका विकास के जादुई मंत्र के साथ, सभी का विकास सुनिश्चित करते हुए मोदी सरकार ने ‘भारत प्रथम’ के एकमात्र धर्म का पालन किया है।
मोदी सरकार ने सरदार पटेल को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया है। यही नहीं राष्ट्र ने भी देश के सर्वाधिक सम्मानित नेताओं में से एक के सम्मान में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कर उन्हें भव्य श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ही गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में साल 2010 में देश भर के किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों से लोहा एकत्र करके, दुनिया की सबसे ऊंची (182 मीटर) सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाने की भव्य योजना बनाई थी, जो अमरीका में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी बड़ी है।
सरदार पटेल के सपने को साकार करना
सरदार पटेल ने एक ऐसे भारत का सपना देखा जो हमेशा मज़बूत और एकजुट रहे। प्रधानमंत्री मोदी सबको साथ लेकर उसी दिशा में काम कर रहे हैं। आज देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए उसी कर्त्तव्य भावना के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच धारा 370 की दीवार को मोदी सरकार ने गिरा दिया है।
आम आदमी का विश्वास बहाल करना
सरदार पटेल ने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी, जहां हर भारतीय को समान अवसर मिलेंगे और समानता की भावना होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले एक दशक में सभी के लिए आवास, डिजिटल कनेक्टिविटी, स्वच्छ खाना और बिजली जैसी योजनाओं के साथ इस सपने को साकार किया है, जिससे देश और संविधान में आम आदमी की आस्था बड़ी है तथा जीवन की बुनियादी ज़रूरतों के लिए 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा रहा है।
पिछले एक दशक में मोदी सरकार की नीतियों और निर्णयों के लाभ अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों की बदौलत पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, जिससे सभी भारतीय नागरिकों को लाभ हुआ है, चाहे उनकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो।
आतंकवाद पर अंकुश
सरदार पटेल आंतरिक सुरक्षा के प्रति हमेशा चिंतित रहते थे और प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने पिछले 10 वर्षों में चुनौतियों का डटकर सामना करने और विध्वंसकारी ताकतों को पहले मिली सफलता से वंचित करने के लिए मज़बूत कदम उठाए हैं। मोदी सरकार ने नए-नए तरीकों से आतंकवादियों पर नकेल कस कर एक मिसाल कायम की है। केंद्र और राज्य की एजेंसियों ने पिछले 10 वर्षों में देश में आतंकवाद के सभी रूपों पर सख्ती से अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में पिछले दस वर्षों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ है तथा आतंकवादी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।
विशिष्ट भारत का निर्माण
सरदार पटेल द्वारा एक विशिष्ट भारत के निर्माण की महत्वाकांक्षा ने अब राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार, आत्मनिर्भरता और मेड इन इंडिया सहित हर क्षेत्र में नए प्रयासों के माध्यम से 2047 तक एक विकसित भारत के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने के लिए देश भर में 140 करोड़ लोगों को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने सरदार पटेल के सपने को पूरा करते हुए वैश्विक प्रमुखता हासिल की है। दुनिया विज्ञान, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, घरेलू रक्षा विनिर्माण और वैश्विक कॉर्पोरेट नेतृत्व में भारत की मजबूत स्थिति को स्वीकार करती है।
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