हरियाणा के चुनावों में भी आपराधिक आहट

देश की 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनावों के लिए हरियाणा में मतदान 12 मई को छठे चरण में होना तय है। हरियाणा में इस बार सभी दलों की आपसी फूट एवं दलीय मतभेदों के कारण समीकरण भी बदले हैं और राजनीतिक मसलहतों में भी बदलाव दृष्टिगोचर हुआ है। इस आधार पर देखें तो प्रदेश में इस बार एक ओर राजनीतिक दलों के अस्तित्व पर आंच आई है, वहीं राजनीतिक परिवारों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। प्रदेश में इस बार चौकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। एक ओर कांग्रेस और भाजपा दो बड़े राष्ट्रीय दलों ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंकी है, वहीं प्रदेश के एक बड़ी राजनीतिक ताकत रहे चौटाला परिवार और इनैलो की आपसी फूट के कारण उसे चुनावी धरातल पर बहुत बड़ा झटका लगा है। इनैलो के  उम्मीदवारों को ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के दो बेटों द्वारा गठित जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी  कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जननायक जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी से गठजोड़ कर रखा है, अत: दुष्यन्त चौटाला और दिग्विजय चौटाला अपने वजूद को सही सिद्ध करने की भरसक कोशिश करेंगे। हरियाणा में बसपा भी एक बड़ी शक्ति है और बसपा का एल.एस.पी. से गठजोड़ हो जाने के कारण इसकी ताकत और पैनी हुई है।  एक तरफ जहां देश की चुनाव प्रक्रिया बहुत महंगी होती जा रही है, वहीं देश के लोकतंत्र के चुनावी पक्ष का एक और स्याह होता जाता पक्ष यह भी है कि राजनीति का बड़ी तेज़ी से अपराधीकरण होता जा रहा है।  देश भर में अब तक सम्पन्न हुए तीन चरणों में जितने प्रत्याशी मैदान में उतरे, उनमें से 30 प्रतिशत तक आपराधिक धरातल पर चिन्हित थे। 29 अप्रैल को होने वाले चौथे चरण के मतदान में मैदान में मौजूद प्रत्याशियों में से भी 23 प्रतिशत अर्थात् कुल 929 में से 210 प्रत्याशी आपराधिक धरातल पर द़ागी पाये गये हैं। हरियाणा की दस सीटों पर होने जा रहे मौजूदा चुनावों में भी यही स्थिति है। हरियाणा के चार मुख्य सत्ता-केन्द्रों में कम से कम 10 ऐसे उम्मीदवार हैं, जो गम्भीर किस्म के अपराधों में आरोपित हैं। इनमें से एक पर महिलाओं से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न और दो अन्यों पर डकैती और हत्या के प्रयास तक के आरोप हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा पर भी सत्ता के दुरुपयोग के आरोप हैं। कांग्रेस, इनैलोद, जन नायक जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पर भी ऐसे ही आपराधिक आरोप हैं। यह भी एक बड़ी बात है कि इनमें से कई आरोप बेहद संजीदा और गम्भीर हैं। नि:संदेह यह स्थिति कहीं भी हो, अच्छी नहीं है। हरियाणा जैसे प्रदेश में बाहु-बल और धन-बल के बूते लड़े जा रहे चुनावों के बाद कैसी स्थिति उपजेगी, इसका अनुमान लगाना कोई अधिक कठिन नहीं है।