गांव के लोग भुगत रहे हैं नबाव मालेरकोटला द्वारा रखे दोहरे नामों का संताप

मालेरकोटला, 3 मई (अ.स): नबाव द्वारा अपनी निजी सुविधाएं सुरक्षित रखने के लिए सियासत मालेरकोटला के करीब 50 गांवों के रखते दो दो नामों का आम लोगों द्वारा दशकों से भोगा जा रहा संताप इस बार भी लोग सभा चुनावों में कोई मुद्दा नहीं बन सका। हालांकि इलाके के लोग हर चुनाव समय वोट मांगने आते नेताओं सामने यह मामला लगातार रखते रहे हैं। दो वर्ष पहले गांवों के नाम एक करवाने संबंधी संगरूर से लोक सभा सदस्य भगवंत मान ने गावं कुठाला में मंच से लोगों से वादा भी किया था परंतु हुआ कुछ भी नहीं। प्राप्त विवरण अनुसार इस समय विधान सभा हलका मालेरकोटला से 20 गांव, अमरगढ़ से 24 गांव, महिल कलां के तीन तथा धूरी का एक गांव अपने दो दो नामों का संताप भोग रहे हैं। हलका मालेरकोटला के गांव कुठाला का सरकारी स्कूल, राशन कार्ड, पशु अस्पताल, सिविल अस्पताल, डाकखाना तथा अन्य सभी विभागी दस्तावेजों तथा आम बोल चाल में नाम कुठाला ही है परंतु माल विभाग तथा चुनाव कमिशन ने वोटर शिनाख्ती कार्डों में फिरोजपुर दर्ज है। इसी तरह हलका अमरगढ़ के गांव कंगणवाल का सारे विभागों पर बोल चाल में नाम कंगणवाल है परंतु माल विभाग तथा चुनाव कमिशन के मतदाता कार्डों पर फिरोजपुर दर्ज है। इसी तरह हलका अमरगढ़ के गांव कंगणवाल का सारे विभागों तथा बोलचाल का नाम कंगणवाल है परंतु माल विभाग तथा चुनाव कमिशन के वोटर शिनाख्ती कार्डों में कंगणपुर दर्ज है। हलका अमरगढ़ के ही गांव संगाला के वोटर शिनाख्ती कार्ड तथा माल विभाग के दस्तावेज सकोहपुर संग्राम के नाम तले बनते हैं। ऐसे अनेकों दो दो नामों वाले गांवों के लोगों को इसका खमियाजा पासपोर्ट बनवाने तथा अपनी शिनाख्त की पुष्टि करने समय अक्सर भुगतना पड़ता है उनमें अन्यों के अलावा तखर खुर्द का महबुबपुरा, बरकतपुरा का जाफराबाद, चक्क कलां का सेखुपुर कलां, चक्क खुर्द का सेखुपुर खुर्द, ढडेवाड़ा का इलतफातपुरा, अलीपुर का अखतियारपुरा, बधरावां का सुलतानपुरा, चूंघा का मुबारकपुर, फरीदपुर का बहादरगढ़, खटड़े का हकीमपुर, नौशहरा का सदराबाद, संघैण का अजीमाबाद, दुलमां का अमीरनगर, हतोई का हैदरनगर, मंडियाला का बादशाहपुर, रोडीवाल का अलेबालापुरा, रोहनो का वजीदपुर, सदोपुर का सुयादतपुर, भैणी खुर्द का मुहम्मद नगर, खड़केवाल का रूस्तमगढ़, जंडाली खुर्द का मलिकपुर, फल्लेवाल का वलायतपुरा, कुल खुर्द का दिलावरगढ़, बेगोवाल का भीखमपुर, बौडहाई खुर्द का असदुलापुर, बईयेवाल का बिशनगढ़, धलेर खुर्द का दरियापुर तथा धलेर कलां का अहमदपुर आदि नाम शामिल हैं। वैसे कई गांवों की दूर अंदेशी पंचायतों ने सभी सरकारी दस्तावेजों में अपने गांवों के दोनों नामों को जोड़कर एक नाम के तौर पर दर्ज करवाकर आसान रास्ता निकाल लिया है।