आठ वर्ष पुराने तीन कत्लों की गुत्थी सुलझी, 3 गिरफ्तार


अमृतसर, 14 मई (गगनदीप शर्मा) : पुलिस द्वारा 8 वर्ष पुराने तीन अंधे कत्लों की गुत्थी को सुलझाते हुए तीन नौजवानों को गिरफ्तार करने की कामयाबी हासिल की है जिनसे दो देसी पिस्तौल, दो अगूंठियां, एक मोटरसाइकिल, एक मोबाइल तथा एक लोहा काटने वाला कटर बरामद किया गया है। जिला पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तवा ने इस बात का खुलासा आज यहां पुलिस लाइन में एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान किया। उन्होंने बताया कि शरारती तत्वों की तलाश में सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज सुखविंदर सिंह रंधावा अपनी पुलिस पार्टी सहित मोड़ गांव घनुपुर काले बाईपास, सामने गुरद्वारा बाबा दर्शन सिंह कुली वाले के नाकाबंदी करके वाहनों की चैकिंग कर रहे थे। तभी एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन नौजवान पुलिस पार्टी को देखकर घबरा गए और उन्होंने मोटरसाइकिल पीछे की तरफ मोड़ लिया लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने उनके इरादों को विफल करते हुए हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपनी पहचान दलजीत सिंह उर्फ राजबीर उर्फ काका निवासी इस्ट गोबिंद नगर सुल्तानविंड रोड, हरपाल सिंह उर्फ हीरा निवासी कोट मित्त सिंह सुल्तानविंड रोड तथा सुरेश कुमार उर्फ मनी निवासी प्रकाश विहार, बटाला रोड, अमृतसर के तौर पर बताई। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इनमें से दलजीत सिंह सबसे खतरनाक है जिसने अब तक अमृतसर सहित लुधियाना व जालंधर में कुल 29 वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की है। पूछताछ में दलजीत सिंह ने माना है कि साल 2011-12 के बीच उसने कुल तीन लोगों की हत्या की थी। 2011 में कोर्ट रोड अमृतसर में एक्सिस बैंक की कैश वैन के गार्ड और पॉवर कलोनी मजीठा रोड पर एटीएम में कैश डालने आई वैन के गार्ड को गोली मारकर हत्या कर दी थी। जबकि 2012 में सुल्तानविंड रोड पर उसने एक हेड कांस्टेबल गुरदीप सिंह को गोली मारकर उससे सरकारी रिवॉल्वर और पर्स छीना था। इसी तरह जालन्धर में साथी बलजीत सिंह के साथ मिल पंजाब पुलिस के एक इंस्पेक्टर को गोली मारकर सरकारी माउजर छीनी थी। 2013 में गिद्दड़बाहा में होने वाली बैंक डकैती में भी दलजीत सिंह नामजद था। उन्होंने बताया कि दलजीत सिंह का एक साथी बलजीत सिंह निवासी मुंडा गांव जिला तरन-तारन इस समय अमृतसर जेल में बंद है। उसे प्रोटक्शन वारंट पर लाकर न केवल गिरफ्तार किया जाएगा बल्कि बारीकी से पूछताछ भी की जाएगी।