परेशानी का कारण है जोड़ों का दर्द 

शरीर के किसी भी भाग  में दर्द मनुष्य को परेशान कर देता है और परेशानी का कारण बन जाता है। कभी-कभी तो दर्द इतना परेशान कर देता है कि पेनकिलर दो-तीन तक लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है। दर्द भी कई प्रकार के होते हैं जैसे चोट लगने पर दर्द, नसों में दर्द, सूजन होने पर दर्द और बहुत बार दर्द ऐसा होता है जो डाक्टर भी नहीं समझ पाते। ऐसे दर्द को डिसफंक्शनल पेन कहते हैं। यह शरीर के किसी भी भाग में अचानक तेजी से उठता है। बड़ी उम्र में ज्यादातर जोड़ों का दर्द परेशान करता है। आइए जानें जोड़ों के दर्द की वजह:-
* कम तापमान में अधिक समय तक रहने से जोड़ों का दर्द परेशान करता है।
*  वजन बढ़ने पर।
* लगातार ड्राइव करने पर।
* अधिक नर्म गद्दे पर सोने से।
* गलत तरीके से लेटने, उठने, चलने और बैठने से।
* तनाव में रहने से और हड़बड़ी से काम करने पर।
* व्यायाम न करने से।
* अधिक साफ्ट ड्रिंक्स लेने पर और अधिक जंक फूड खाने पर।
* शरीर में कैल्शियम या विटामिन डी की कमी होने पर।
जब भी दर्द की शुरूआत हो, उसे नजरअंदाज न करें। नजरअंदाज करने से दर्द वही टिक जाता है और फिर आसानी से ठीक भी नहीं होता। जोड़ों का दर्द  आमतौर पर उन जगहों पर होता है जो अंग आसानी से मुड़ते हैं जैसे कलाई, कोहनी, घुटना, कमर, गर्दन, उंगलियां आदि। जब कभी दर्द वाली जगह पर सूजन हो तो कुछ दिन तक व्यायाम न करें। ठीक होने पर व्यायाम पुन: प्रारंभ करें। अपने जोड़ों को मोड़ते हुए व्यायाम करें ताकि जोड़ों में अकड़न न आए। डाक्टर से दर्द होने पर अवश्य परामर्श करें। जब दर्द के साथ सूजन और लाली हो या तेज दर्द के साथ बुखार भी हो तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। पैर मुड़ने पर, सोते हुए गर्दन, कमर में दर्द होने पर फिजियोथेरपिस्ट से मिलें। कई बार टिश्यू इंजरी होने पर चलने फिरने, हिलने डुलने पर दर्द होने पर भी फिजियोथेरपिस्ट को दिखाएं। उचित तरीके से थेरेपी लें। 
सावधानी बरतें
* जमीन पर बैठने से बचें। जमीन पर बैठने और उठने से घुटनों और कमर में दबाव बढ़ता है।
* सीढ़ियां चढ़ने उतरने से बचें। लिफ्ट का प्रयोग करें। 
* पालथी मारकर न बैठें, न  ही पैर या पैर या घुटने पर घुटना रखकर बैठें। 
* दर्द होने पर डाक्टर के बताए व्यायाम ही करें। अपनी मर्जी या किसी के कहने पर न चलें। 
* ठंड से स्वयं को बचा कर रखें। ठंडे स्थान पर न जाएं।
* ऊंची हील पहनने से टखने, घुटने, एड़ी, कमर और पिंडलियां प्रभावित होती हैं। ऊंची हील पहनने से बचें।
* आफिस में प्रत्येक एक घंटे के अंतराल बाद सीट से उठकर वाशरूम जाएं या हल्का टहलें ताकि शरीर में हरकत बनी रहे। हो सके तो    बाडी को थोड़ा स्ट्रेच कर लें। 
* 15-20 मिनट से ज्यादा एक पोजीशन में न बैठें, 5-10 मिनट से ज्यादा एक स्थान पर खड़े न हों।   
* रसोई में अधिक ंदेर का काम हो तो ऊंचा स्टूल या बॉर चेयर रसोई में रखें ताकि बीच में उस पर बैठ सकें।  (स्वास्थ्य दर्पण)

-नीतू गुप्ता