बारीक चावल सहित उड़द, तुअर में तेज़ी : चुनाव परिणाम बाद व्यापार घटा

नई दिल्ली, 26 मई (एजेंसी): गत सप्ताह धान की भारी किल्लत होने से सभी तरह के बारीक चावल में तेजी का रुख बना रहा। 1121, सुगंध एवं 1509 धान व चावल 100/200 रुपए की और तेजी आ गयी। इसके अलावा उड़द, तुअर भी आयात पड़ता महंगा होने एवं बंदरगाह वाली मंडियों में स्टॉक के माल दिल्ली के पड़ते से ऊंचे बिकने से यहां 100/150 रुपए तेज हो गया। चुनाव परिणाम बाद सट्टेबाज पीछे हटने से बाजारों में तेजी-मंदी का व्यापार घट गया। आलोच्य सप्ताह तरावड़ी, कैथल, अमृतसर, तरनतारन के साथ-साथ बरेली, रुद्रपुर, बहजोई, जहांगीराबाद एवं दादरी, दनकौर लाइन में राइस मिलों को धान की भारी कमी हो गयी, जिसके चलते 100/150 रुपए प्रति क्विंटल 1121 सहित सभी बासमती प्रजाति के धान बढ़ाकर बोले गये। मंडियों में नीलामी वाले धान आने बंद हो गये। अंदर का धान मंडियों की लोकेशन के हिसाब से 4500/4700 रुपए बिक गये। 1121 सेला चावल भी 7800 रुपए से बढ़कर 8000 रुपए एवं स्टीम चावल 9100/9200 रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे। इसके अलावा 1509 सेला व स्टीम में भी इसी अनुपात में तेजी दर्ज की गयी। पीआर-11 स्टीम 300 रुपए बढ़कर 3800 रुपए बिक गया। वास्तविकता यह है कि बारीक धान सितम्बर अंत में आयेगा। उससे पहले मिलिंग के लिए राइस मिलों में धान की कमी रहेगी, जिससे और लग रही है। वहीं गेहूं, राइस मिलों की मांग कमजोर होने एवं आवक बढ़ जाने से 40 रुपए घटकर 1960/1970 रुपए प्रति क्विंटल नीचे में बन गया था, लेकिन पोल्ट्री उद्योग की एक बार फिर हरियाणा, पंजाब की मांग निकलने से यहां आवक सप्ताह के अंतिम दो दिनों में घट गयी, जिससे 10/15 रुपए की इसमें मजबूती आ गयी। दलहनों में उड़द आयात पड़ता महंगा होने एवं हाजिर माल की कमी से नीचे में 6100 रुपए बिकने के बाद 6200 रुपए पर पहुंच गयी। तुअर भी 5750 रुपए चुनाव परिणाम के बाद नीचे में रह गयी थी, लेकिन बाद में लेमन क्वालिटी के फिर से 5800 रुपए बोलने लगे। मूंग, मसूर परिणाम बाद 100/200 रुपए टूट गये। जबकि चने में मिलाजुला रुख रहा।