विश्व बाल मज़दूरी विरोधी दिवस पर बाल मज़दूरों को नहीं मिली रिहाई

लुधियाना, 12 जून (अ.स.): विश्व भर में आज विश्व बाल मज़दूरी विरोधी दिवस मनाया गया परन्तु विश्व बाल मज़दूर विरोधी दिवस भी पंजाब के किसी भी शहर, कस्बे या गांव में से किसी बाल मज़दूरी को बाल मज़दूरी से रोक कर रिहा नहीं करवाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी 14 वर्ष की आयु के लड़के या लड़की से बाल मज़दूरी करवानी कानूनी अपराध है, क्योंकि जिस आयु में बच्चे द्वारा पढ़-लिख कर अपने आपको समाज में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाना होता है, उसी आयु में बच्चे को कुछ पैसे देकर बाल मज़दूरी करवाई जा रही है। देश के हर राज्य के हर ज़िले में बाल मज़दूरों को छुड़वाने के लिए बाल सुरक्षा विभाग व श्रम विभाग के नेतृत्व में टास्क फोर्स टीमों का गठन किया गया है परन्तु आज बाल मज़दूर विरोधी दिन होने के बावजूद टास्क फोर्सों ने किसी भी बाल मज़दूर को रिहा करवाना ज़रूरी नहीं समझा। टास्क फोर्सों द्वारा रिहा करवाए गए बाल मज़दूरों को स्कूलों में दाखिल करवाकर उनको अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करना होता है तथा हर बाल मज़दूर का पुनर्वास भी करना होता है परन्तु आज के दिन भी बाल मज़दूरों की किस्मत में मज़दूरी करनी ही लिखी रह गई। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई.एल.ओ.) की रिपोर्ट अनुसार विश्व भर में 15.2 करोड़ बच्चे बाल मज़दूरी करने के लिए मज़बूर हैं जबकि भारत में 2011 की जनगणना की रिपोर्ट अनुसार 1 करोड़ से अधिक बच्चे बाल मज़दूरी कर रहे हैं।