प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बैंक द्वारा 99 प्रतिशत आवेदन रद्द

चंडीगढ़, 19 नवम्बर (विक्रमजीत सिंह मान): पंजाब में गरीबों को मकान देने की योजना फिलहाल खटाई में पड़ गई नज़र आ रही है। बैंकों ने गरीबों को मकान देने का सपना चकनाचूर कर दिया है जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान की आशा लगाकर बैठे गरीब लोग मकान से वंचित रह सकते हैं।
पंजाब में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बैंकों द्वारा 99 प्रतिशत आवेदन रद्द कर दिए हैं। पंजाब सरकार ने यह मामला आज बैंकर कमेटी की बैठक में ज़ोर-शोर से उठाया तथा बैंकों की कारगुज़ारी पर भी प्रश्न खड़े किए। वित्त विभाग के प्रिंसीपल सचिव अनिरुद्ध तिवाड़ी ने इस मामले को ज़ोर से उठाया। सरकार ने पंजाब में गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना तहत लगे इस झटके को उठाते इसकी समीक्षा करने की बात पर ज़ोर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार बैंकों द्वारा रद्द किए आवेदनों के कारण 1 लाख के लगभग गरीबों को मकान मिलने का सपना चकनाचूर कर दिया है। बैंकों द्वारा बड़े स्तर पर गरीब लोगों के आवेदन रद्द कर दिए हैं तथा केवल 202 केस ही क्लीयर किए गए हैं। प्रिंसीपल सचिव ने डायरैक्टर स्थानीय सरकार को कहा कि वह बैंकों के साथ बैठक कर इस मामले का हल निकालें ताकि गरीबों को मकान मिल सकें। उनके बैठक में इस मामले में प्रश्न खड़े करने के बाद बैंकों ने भी आश्वासन दिया कि इस मामले का हल शीघ्र मिल बैठ कर निकाल दिया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार अब बैंक के अधिकारी राज कुमार ने स्थानीय निकाय डायरैक्टर से बैठक करेंगे जिसमें रद्द हुए केसों के कारण अन्य मुद्दों पर विचार-चर्चा की जाएगी। इस मामले में राज्य के वित्त मंत्री स. मनप्रीत सिंह बादल ने बैठक में शामिल होने के बाद मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले की जांच होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कमेटी का गठन होगा जिसमें बैंकर व सरकार दोनों बैठ कर जांच करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ है।
उन्होंने कहा कि वह इस बात का भी समर्थन करते हैं कि यदि किसी द्वारा भरा मकान रद्द होता है तो उसको तुरंत बताया जाए न कि लम्बा समय कार्यालयों के चक्कर काटने के बाद यह बात सामने आए। उन्होंने कहा कि अभी यह सामने आया है कि यह योजना अर्बन हाऊसिंग योजना थी जबकि आवेदन अधिक ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त हुए थे।