पंजाब के मुकाबले दिल्ली और हरियाणा की हवा गुणवत्ता फिर बिगड़ी

पटियाला, 6 दिसम्बर(जसपाल सिंह ढिल्लों): पहाड़ों की चोटियों पर अब पड़ी बर्फ के कारण उत्तरी भारत के कई क्षेत्रों में अब धुंध शुरू हो गई है। इस के साथ मैदानी इलाकों में अब ठंड का कहर भी बढ़ गया है। दिल्ली की सरकार अक्सर ही पंजाब पर दोष लगाती था कि पंजाब और हरियाणा की पराली ने दिल्ली में भी हवा गुणवत्ता का आंकड़ा बिगाड़ कर रख दिया है, जिस कारण हवा में प्रदूषण का आंकडा बढ़ गया है। इस सम्बन्धित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि पंजाब के जालन्धर शहर एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ राज का हवा गुणवत्ता का आंकड़ा सब से अधिक 278 है जब कि नई दिल्ली का हवा गुणवत्ता का आंकड़ा 404 है। यदि पंजाब के आंकड़े देखे जाए तो इस समय पर अमृतसर का हवा गुणवत्ता का आंकड़ा 106, बठिंडा 251, खन्ना 151, मंडी गोबिन्दगढ़ 187, लुधियाना 202, पटियाला का हवा गुणवत्ता का आंकड़ा 235 है और राज्यों की साझी राजधानी चंडीगढ़ का आंकड़ा 186 है। इस के साथ ही अगर हरियाणा के शहरों के आंकड़े देखे जाए तो अम्बाला 251, गुरुग्राम 386, ग्रेटर नोइडा 404, हिसार 330, ज़िद कर 343, पाणीपत 378, कैथल 204, सोनीपत 91, यमुनानगर 272 और यदि गाजियाबाद का आंकडा देखा जाये तो यहां देश का सब से ऊपरी आंकडा 419 है। इस संबंधी पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के उप निदेशक डा. चरनजीत सिंह ने बताया कि इस समय पर अगर हवा में प्रदूषण का आंकड़ा बढ़ा है तो स्पष्ट है कि ठंड कारण हवा में धूहड़ के कण बढ़ रहे हैं। जिस जगह पर धूप अधिक समय रहती है वहां यह कण कम हो जाते हैं। परन्तु अगर धूप न लगे वहां ठंड कारण धूहड़ के कण हवा में ही रह जाते हैं जिस कारण हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है।  उन्होंने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम, ग्रेटर नोयडा आदि शहर ऐसे हैं जहां ऊंची इमारतें ज़्यादा हैं, जिस कारण हवा में धूल के कण भी अधिक समय हवा में रहते हैं। जिस समय पर हवा की गुणवत्ता बिगड़ती है तो माहिर डाक्टर भी उन लोगों को जो दिल के मरीज़ और सांस दमे से प्रभावित हैं, उनको बाहर खुली हवा में न निकलने की सलाह दी जाती है।