शिक्षा सुधारों के सुनहरी दौर से गुजर रहा है पंजाब

पोजेवाल सरा, 7 दिसम्बर (नवांगराईं) : शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला की अगुवाई में लगभग ढाई साल पहले शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की तरफ से आरंभ की गई शिक्षा सुधार मुहिम अपने सुनहरी दौर में गुजर रही है। कुछ मेहनती अध्यापकों की तरफ से सरकारी स्कूलों की शक्ल बदलने के प्रयास से प्रेरणा लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से जन भागीदारी के साथ सरकारी स्कूलों को सैल्फ मेड स्मार्ट स्कूल बनाने की आरंभ की गई मुहिम अब एक लोक लहर में परिवर्तित हो गई है। स्कूल अध्यापकों में एक खास किस्म के जज्बे की भावना के अंतर्गत किए जा रहे कार्य से पंचायतों, समाज सेवी संस्थाओं, प्रवासी भारतीयों और दानी सज्जनों की तरफ से लगातार दिए जा रहे सहयोग के साथ सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। शिक्षा सुधार मुहिम को मिल रही इस सफलता की विलक्षणता इस तथ्य में है कि यह सारी मुहिम में शिक्षा विभाग की तरफ से एक मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभाने साथ-साथ समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत मदद भी की जा रही है। इसके इलावा सरकार की तरफ से 60-40 के अनुपात के साथ स्मार्ट स्कूल बनाने की पालिसी भी बनाई है और जल्दी ही पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का लक्ष्य है। इन नई तकनीकें और गतिविधियों और आधारित सीखने-सिखाने विधियों को स्कूल स्तर पर अमली जामा पहनाने के लिए स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाओं जैसे कि स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान लैब, कम्प्यूटर लैब, पुस्तकालय और स्कूल में शिक्षा अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए बाला वर्क बिल्ंिडग एज लर्निंग एड की जरूरत महसूस की गई। विद्यार्थियों को यह बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने हित स्कूल अध्यापकों की तरफ से लोगों का सहयोग लिया जा रहा है। शिक्षा विभाग की इस मुहिम में अब तक 12859 प्राथमिक स्कूलों में से 5350 के करीब, 2663 माध्यमिक स्कूलों में से 900 के करीब, 1739 हाई स्कूलों में से 700 के करीब और 1896 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में से 1180 के करीब स्कूल स्मार्ट स्कूल बन चुके हैं और बाकी स्कूलों को जल्दी ही स्मार्ट स्कूल बनाने का लक्ष्य माना है। इन स्मार्ट स्कूलों ने अब बढ़िया माडल स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है।