माही गिल अपने करियर से संतुष्ट नहीं

थिएटर से फिल्मों का रुख करने वाली माही गिल ने पंजाबी फिल्म ‘मिट्टी वाजां मारदी’ से अपने करियर की शुरुआत की। धीरे-धीरे उन्होंने हिन्दी फिल्मों में भी कदम रखा लिया। शाइनी आहूजा की फिल्म ‘खोया-खोया चांद’ से बड़े पर्दे पर डेब्यू कर माही ने काफी वाहवाही लूटी, जिसके लिए 2010 में उनको बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला। धीरे-धीरे काफी फिल्में जैसे ‘गुलाल’, ‘माइकल’, ‘मिर्च’ और ‘साहिब, बीबी और गैंगस्टर’ इत्यादि फिल्में कीं। माही को ज्यादा सफलता फिल्म ‘साहिब, बीबी और गैंगस्टर’ और ‘गुलाब गैंग’ से मिली। लेकिन अपनी सफलता के इस मुकाम पर भी माही अपने करियर से खुश नहीं हैं और न ही संतुष्ट है। वजह यह है कि जिस तरह के वह किरदार चाहती थी उसको नहीं मिले। हां, थोड़ा बहुत नाम बनाने के लिए और करियर की शुरुआत के लिए उन्होंने काफी फिल्मों में अभिनय किया है। माही की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि फिल्मों में मुख्य भूमिका में न होते हुए भी वह हमेशा एक अभिनेत्री की तरह प्रशंसा ले जाती है और लोकप्रियता बटोरती हैं।