विरासती स्मारकों हेतु उतार-चढ़ाव वाला रहा 2019

अमृतसर, 29 दिसम्बर (सुरिन्दर कोछड़): शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के शासन समय तामीर करवाये गये अमृतसर के ऐतिहासिक दरवाज़ों को गिरा कर उनके स्थान पर अंग्रेज़ी सरकार द्वारा निर्मित दरवाज़ों का नव-निर्माण, स्थानीय हाल बाज़ार और कटड़ा जैमल सिंह रोड को दी जा रही विरासती दृश्य, दरवाज़ा राम ब़ाग की ड्योढ़ी में अजायब घर स्थापित किया जाना, शहर के हाथी दरवाज़े के अंदर पब्लिक लाईब्रेरी स्थापित करना, किला गोबिंदगढ़ में हथियारों और सिक्कों का अजायबघर तथा पगड़ी म्यूज़ियम शुरू किया जाना, पंजाब स्टेट वार हीरोज़ मैमोरियल तथा म्यूज़ियम में नई गैलरियां शुरू किये जाने और वाघा सीमा में नई दर्शक गैलरियों के किये गये विस्तार आदि को वर्ष 2019 की बड़ी उपलब्धियों में शामिल किया जा सकता है। इसके बावजूद विरासती स्मारकों के पहले से शुरू किये निर्माण कार्यों में वर्ष 2019 दौरान कोई बड़ी तेज़ी देखने को नहीं मिल सकी। करोड़ों रुपये की लागत के बावजूद इस वर्ष के अंत तक इनमें कुछ स्मारकों का नवनिर्माण अधर में लटका रहा और कुछ के नवनिर्माण तथा सौंदर्यकरण का काम मुकम्मल होने के बाद भी उन स्मारकों के बाहर लगे ताले रस्मी उद्घाटन न होने के कारण खुल नहीं सके। वर्णनीय है कि पूर्व निकाय एवं पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा घोषणा की गई थी कि अमृतसर को सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनाने और शहर की विरासत को संभालने हेतु महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनाये 12 ऐतिहासिक दरवाज़े पुन: सृजित किये जाएंगे, पर स. सिद्धू से उपरोक्त मंत्रालय छिनने के बाद संबंधित विभाग वर्ष 2019 दौरान हाथी गेट, लाहौरी गेट, खज़ाना गेट, सुल्तानविंड गेट और अंग्रेज़ी सरकार द्वारा बनवाये हाल गेट की ही लीपापोची और मरम्मत का काम पूरा करने में कामयाब हो सका। जबकि अर्बन हाट, 40 खूह पार्क, गोल बाग पार्क, बिजली सप्लाई प्लांट आदि का निर्माण मुकम्मल होने के बावजूद इनका उद्घाटन न होने के कारण यह स्मारक स्थानीय लोगों और सैलानियों हेतु रस्मी तौर पर शुरू नहीं किये जा सके। इसी प्रकार शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनवाये राम ब़ाग समर पैलेस तथा अन्य भवनों का नवनिर्माण जो 15 अक्तूबर, 2004 को शुरू किया गया था, 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का लाहौर की फूड स्ट्रीट की तज़र् पर शहर के टाऊन हाल में फूड स्ट्रीट शुरू करने का ‘ड्रीम प्रोजैक्ट’ भी वर्ष 2019 में पूर्ण नहीं हो सका।